पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में बीते सोमवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस प्रकरण पर आज कलकत्ता हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अगर उच्च न्यायालय आदेश देता है तो राष्ट्रीय एजेंसी इस प्रकरण की जांच करने के लिए तैयार है। उच्च न्यायालय ने बंगाल से रामपुरहाट हिंसा पर स्थिति रिपोर्ट कल दोपहर 2 बजे तक जमा करने को कहा है। अदालत ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे लगाए और घटना स्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करे।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 2 बच्चों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। जिस बागतुई गांव में आगजनी हुई, वहां लोग डर के चलते गांव छोड़कर जा रहे हैं। इस मामले में अब तक कईयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कलकत्ता हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस की बेंच ने बुधवार को सुनवाई शुरू की।
सुनवाई के दौरान जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता ने अदालत को दो गवाहों की मौत की सूचना दी। अदालत के समक्ष याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा, “पश्चिम बंगाल की एसआईटी को नहीं पता कि इस मामले की जांच कैसे की जाए। सबूत महत्वपूर्ण हैं और एक सप्ताह के भीतर कोई सबूत नहीं छोड़ा जाएगा।” सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस केस की जांच लेने की बात भी कही है। नेशनल एजेंसी ने कोर्ट को कहा कि अगर उच्च न्यायालय आदेश देता है तो वो इस मामले की जांच को ले सकते हैं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल से रामपुरहाट हिंसा पर स्थिति रिपोर्ट कल दोपहर 2 बजे तक जमा करने को कहा है। अदालत ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे लगाए और घटना स्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करे।
विपक्ष के निशाने पर ममता बनर्जी
बीरभूम में हुई हिंसा प्रकरण के बाद ममता बनर्जी सरकार को विपक्षी पार्टियों ने निशाने पर ले लिया है। साथ ही सीएम ममता के इस्तीफे की मांग की है। विपक्षी दलों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने तक की मांग की है। जवाब में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के हमलो का जवाब देते हुए कहा, ‘सरकार हमारी है और हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है।’