आज यानी शुक्रवार से कांग्रेस के शीर्ष नेता राजस्थान के उदयपुर में पार्टी के ‘पुनरुद्धार’ के लिए चिंतन शिविर करेंगे। कई राज्यों में चुनावी पराजय के चलते ‘‘अप्रत्याशित संकट’’ का सामना कर रही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक पदाधिकारी पार्टी में नई जान फूंकने के लिए उदयपुर में तीन दिनों तक मंथन करेंगे।
कांग्रेस के शीर्ष नेता नए चेहरों को नेतृत्व के स्तर पर लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी नेताओं के लिए सभी स्तरों पर संगठन में पदों पर रहने और चुनाव लड़ने के लिए एक आयु सीमा तय कर सकती है। इसके अलावा राज्यसभा सदस्यों के लिए एक कार्यकाल की सीमा तय करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। यह विचार पार्टी को “युवा रूप” देने के प्रयास का हिस्सा है।
उदयपुर में शुरू हो रहे कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए विचार-विमर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दो वरिष्ठ नेताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी दो विचारों के बारे में “गंभीरता से सोच” रही है, हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ये प्रस्ताव किस हद तक जाएंगे।” एक नेता ने कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि निश्चित रूप से इस दिशा में एक विचार पर काम किया जा रहा है। हम गंभीरता से सोच रहे हैं, लेकिन मैं अभी यह नहीं कह सकता कि यह कैसे होगा।”
क्या होगा कांग्रेस का प्रस्ताव
सूत्रों ने कहा कि दो प्रस्तावों पर अंतिम रूप कैसे दिया जाएगा इसको लेकर कुछ सामने नहीं आया है। उदाहरण के लिए, आयु सीमा क्या होनी चाहिए: 70 या 75? और क्या राज्यसभा की शर्तों को 1, 2 या 3 तक सीमित करना है? एक अन्य विचार यह सुनिश्चित करना है कि एक निश्चित आयु से ऊपर के किसी भी नए सदस्य को किसी भी संगठनात्मक निकाय में शामिल नहीं किया जाए।
2014 में कांग्रेस पार्टी की चुनावी हार के सिलसिले शुरू हुए थे, उसके बाद से यह इस तरह का पहला विचार-मंथन सत्र है जिसमें 430 कांग्रेस नेता इकट्ठे हुए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए “दृढ़” थीं कि शिविर में सभी “वैचारिक, चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों का सामना कर रही पार्टी के लिए एक पुनर्गठित संगठन की शुरुआत करने” के वास्ते अपने विचार रखें।