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तमिल को मिले हिन्दी समान अधिकार, सीएम स्टालिन के सवाल पर जानें पीएम मोदी का जवाब

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को तमिल को हिंदी के समकक्ष बनाने की वकालत की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भारत सरकार के कार्यालयों और मद्रास उच्च न्यायालय में भाषा को आधिकारिक बनाने के लिए कहा। इस पर पीएम मोदी ने भी उसी मंच से जवाब दिया। पीएम ने कहा कि तमिल भाषा शाश्वत है और तमिल संस्कृति वैश्विक है। दरअसल, दोनों ने चेन्नई में एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान मंच साझा किया।

2021 के विधानसभा चुनाव के बाद स्टालिन के नेतृत्व वाले द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार दक्षिणी राज्य का दौरा कर रहे हैं। चेन्नई में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, स्टालिन ने राज्य में अपनाए जाने वाले द्रविड़ मॉडल के बारे में बात की। कहा कि इससे तमिलनाडु में कई मापदंडों में अग्रणी राज्यों में से एक बनने में मदद करने के लिए समावेशी विकास हुआ।

तमिल को मिले हिन्दी समान अधिकारः स्टालिन

सीएम स्टालिन ने कहा कि हम दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे, लेकिन अपने अधिकारों के लिए आवाज भी उठाएंगे। हमारी भाषा तमिल को भी हिंदी की तरह समान अधिकार मिले, औपचारिक भाषा की मान्यता मिले। हम पर हिंदी न थोपी जाए। नीट को खत्म किया जाए। एमके स्टालिन ने ये भी कहा कि हम नीट परीक्षा का विरोध कर रहे हैं और हमने विधानसभा में एक विधेयक भी पारित किया है। हम पीएम से तमिलनाडु को नीट परीक्षा से छूट देने की अपील करते हैं।

पीएम मोदी का जवाब

जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “तमिल भाषा शाश्वत है और तमिल संस्कृति वैश्विक है। चेन्नई से कनाडा तक, मदुरै से मलेशिया तक, नमक्कल से न्यूयॉर्क तक और सेलम से दक्षिण अफ्रीका तक में पोंगल और पुथांडु जैसे त्योहारों को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हम यहां तमिलनाडु की विकास यात्रा के एक और गौरवशाली क्षेत्र का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।”

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