भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है. लद्दाख गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत, चीन के बीच समझौते को ‘व्यापक और प्रभावी ढंग से’ लागू किया जा रहा है. नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई शुरू हो गई है. हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है; हम किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि वे सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है, लेकिन घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ आतंकी बुनियादी ढांचा बरकरार है. पाकिस्तान लगातार कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा है. पिछले साल मारे गए आतंकवादियों में से 60% पाकिस्तानी मूल के थे. आज की स्थिति के अनुसार, घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी लोग बचे हैं, हमें लगता है कि उनमें से लगभग 80% या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं. पाकिस्तान में आतंकी ढांचा अभी भी कायम इंटरनेशनल बॉर्डर पर सेक्टर से भी घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. हाल के महीनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है.
मणिपुर में Coordination में कोई कमी नहीं है. इंडियन आर्मी असम राइफल और CAPF ने ही मिलकर कोऑर्डिनेशन किया है म्यांमार की तरफ कुछ गतिविधियां हो रही है. Rebel group द्वारा सक्रियता देखी गई है. कुछ सरेंडर हो रहे है, वेरिफिकेशन हो रही है जिसके बाद हम कुछ लोगो को वापस भेज रहे हैं. म्यांमार आर्मी से लगातार संपर्क में है. म्यांमार से रिफ्यूजी का आना जारी है जिसे लेकर हमने सुनिश्चित किया है कि जो आ रहे हैं उन्हें शरणार्थी का ही दर्जा मिले. जब हम विकसित भारत 2047 की बात करते हैं हम दशकों के ट्रांसफॉर्मेशन को देखते हैं.
ईस्टर्न लद्दाख पर चीफ बात करते हुए बताया कि LAC पर कई मीटिंग्स हुई है, प्रधानमंत्री भी चीन के चीफ से मिले है. स्थिति स्टेबल है लेकिन सेंसिटिव है. डेमचोक देपसंग में दोनों साइड ने वापस जाने पर सहमति जताई है जहां ट्रेडिशनल पेट्रोलिंग की जाती रही है. दोनो पक्षों द्वारा दो बार पेट्रोलिंग हो चुकी है कोई बफर जोन नहीं है, इसे सही होने में समय लगेगा. जहां वायलेंस का स्तर बढ़ सकता उन क्षेत्रों में जहा दोनो एक ही इलाके में रहे, इसे टालने के लिए दोनो पक्ष वहा नही रहेंगे ऐसा निर्णय लिया गया. हम आगे होनेवाली दोनो पक्षों की मीटिंग पर हमारी निगाह है. 20 अप्रैल के बाद दोनों साइड ने terrain को doctored किया है.