मोदी सरकार को 99,122 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि ट्रांसफर करेगा RBI
मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की इस 589वीं बैठक में, मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों की समीक्षा की गई। साथ ही कोविड-19 की दूसरी लहर के इकोनॉमी पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए RBI द्वारा हाल में उठाए गए कदमों पर भी गौर किया गया।
बोर्ड की बैठक में नौ माह (जुलाई 2020-मार्च 2021) के परिवर्तन काल में RBI के कामकाज पर चर्चा हुई। बैठक में बोर्ड ने फैसला लिया कि आपातकालीन जोखिम बफर को 5.50 फीसद तक रखना है। जालान समिति ने इसे 5.5 से 6.5 फीसदी तक रखने की सिफारिश की थी। इसके अलावा रिजर्व बैंक के लेख वर्ष को बदलकर अप्रैल से मार्च कर दिया गया है। यानी अब आरबीआई का अकाउंटिंग वर्ष भी अप्रैल से मार्च का होगा। इससे पहले तक आरबीआई जुलाई-जून के अकाउंटिंग वर्ष को मानता था। इसलिए जुलाई 2020-मार्च 2021 इस लिहाज से परिवर्तन काल रहा। बैठक के दौरान बोर्ड ने इस ट्रांजिशन पीरियड के लिए आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट और अकाउंट्स को अपनी मंजूरी दे दी।
इस बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रविशंकर ने भी हिस्सा लिया।सेंट्रल बोर्ड के अन्य डायरेक्टर्स एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी ने भी इस मीटिंग में शिरकत की। इनके अलावा फाइनेंशियल सर्विसेज विभाग के सचिव देवाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ भी बैठक में शामिल हुए।