किसानों की कर्ज माफ़ी को लेकर पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर निशाना साधा है। दो लाख तक का कर्ज वन टाइम सेटेलमेंट करके नियमित रूप से कर्ज वापस करने वाले किसानों को 50 हज़ार रुपए प्रोत्साहन के रूप में देने की घोषणा करते हुए विधानसभा में ताली बजवाने वाले वित्त मंत्री अजीत पवार का गजनी हुआ है क्या ? यह सवाल बोंडे ने पूछा है।
अजीत पवार की तुलना गजनी फिल्म से
अनिल बोंडे ने कहा कि आपको गजनी फिल्म याद है क्या ? गजनी सब कुछ भूल जाता है। यह कहते हुए अजीत पवार की गजनी फिल्म के आमिर खान से तुलना की है।
उन्होंने कहा कि राज्य की ठाकरे सरकार ने फसल बीमा कंपनियों से करार करते हुए मापदंड बदल दिया। इसकी वजह से किसानों का 4 हज़ार 234 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इसके अलावा राज्य के कृषि मंत्री का इस्तीफा लेने या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकालने की मांग की है।
प्राइवेट बीमा कंपनियों के जेब में किसानों का पैसा
अनिल बोंडे ने कहा कि 2019 में खरीब फसल में 1 करोड़ 28 लाख रुपए किसानों ने फसल बीमा लिया था। उस वक़्त करीब 85 लाख किसानों के नुकसान भरपाई के रूप में 5 हज़ार 795 करोड़ रुपए मिले थे।
दूसरी तरफ 2020 के खरीफ फसल में 1 करोड़ 38 लाख किसानों ने फसल बीमा निकाला था। लेकिन 15 लाख किसानों को ही नुकसान भरपाई का केवल 94 करोड़ रुपए मिला।
इस तरह से प्राइवेट बीमा कंपनियों की जेब में राज्य के किसानों के हक़ का 4 हज़ार 234 करोड़ रुपए ठाकरे सरकार की गलती से चला गया है। यह दलालों की सरकार है और इन्होने बीमा कंपनियों के लिए दलाली की है।