असम के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में उपायों को लेकर अपनी सरकार के इरादे साफ कर दिए हैं. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है जनसंख्या नीति शुरू हो गई है, आप इसे एक घोषणा मान सकते हैं. हम सरकारी लाभों का लाभ उठाने के लिए धीरे-धीरे दो बच्चों की नीति शामिल करेंगे.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है, हम सरकारी लाभ उठाने के लिए धीरे-धीरे दो बच्चों की नीति शामिल करेंगे, आप इसे एक घोषणा मान सकते हैं.
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ऋण माफी हो या अन्य सरकारी योजनाएं, जनसंख्या मानदंडों को ध्यान में रखा जाएगा. यह चाय बागान श्रमिकों/एससी-एसटी समुदाय पर लागू नहीं होगी. भविष्य में जनसंख्या मानदंडों को सरकारी लाभों के लिए पात्रता के रूप में ध्यान में रखा जाएगा. जनसंख्या नीति शुरू हो गई है.
बता दें कि बीते 10 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गरीबी कम करने के उद्देश्य से जनसंख्या नियंत्रण के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से उचित परिवार नियोजन नीति अपनाने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के मौके पर कहा था कि समुदाय में गरीबी कम करने में मदद के लिए सभी पक्षकारों को आगे आना चाहिए और सरकार का समर्थन करना चाहिए. गरीबी की वजह जनसंख्या में अनियंत्रित वृद्धि है.
सीएम ने कहा था, ”सरकार सभी गरीब लोगों की संरक्षक है, लेकिन उसे जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है. जनसंख्या वृद्धि गरीबी, निरक्षरता और उचित परिवार नियोजन की कमी की मुख्य वजह है. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने की ओर काम करेगी ताकि इस समस्या से प्रभावी रूप से निपटा जा सके. उन्होंने कहा था कि सरकार मंदिर, सत्रों और वन भूमि का अतिक्रमण नहीं करने दे सकती और समुदाय के सदस्यों ने भी सरकार को आश्वस्त किया है कि वे इन भूमि का अतिक्रमण नहीं चाहते. मुख्यमंत्री ने समुदाय के नेताओं से आत्मावलोकन करने और लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया.
Edited By : Rahanur Amin Lashkar