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त्रिपुरा निकाय चुनाव में BJP का जलवा, 14 में से 8 सीटों पर कब्जा, 6 पर लीड

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त्रिपुरा के 14 नगर निकायों के लिए हुए चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं। त्रिपुरा में नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव के कुल 222 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह से ही वोटों की गिनती जारी है। हालांकि, अब तक की मतगणनना के अनुसार, त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव में भाजपा का जलवा दिख रहा है। भाजपा 14 में से आठ सीटें जीत चुकी है और बाकी 6 सीटों पर भी आगे चल रही है। दरअसल, राजनीतिक हिंसा के आरोपों के बीच त्रिपुरा के 14 नगर निकायों के लिए बृहस्पतिवार को मतदान हुआ था। त्रिपुरा निकाय चुनावों में भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। वह अगरतला नगर निगम और 19 शहरी निकायों की कुल 334 सीटों में से 112 पर निर्विरोध जीत चुकी है। बाकी की 222 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी और इसके कुल 785 उम्मीदवार मैदान में थे। 

दोपहर 12 बजे तक की मतगणना रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को त्रिपुरा के 14 नगर निकायों में से आठ में जीत दर्ज कर ली है और शेष छह में आगे चल रही है।

-त्रिपुरा निकाय चुनाव परिणाम: राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, अगरतला नगर निगम के 51 वार्डों में से 29 वार्डों में जीत दर्ज कर बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है। 

-त्रिपुरा निकाय चुनाव परिणाम: अगरतला नगर निगम के वार्ड नंबर 35 और वार्ड नंबर 18 से क्रमश: बीजेपी के तुषार कांति भट्टाचार्जी और अभिषेक दत्ता जीते।

-त्रिपुरा निकाय चुनाव: अगरतला नगर पालिका में 3 वार्डों में भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है।

-त्रिपुरा राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अंबासा, जिरानिया, तेलियामुरा और सबरूम सीटों पर आगे चल रही है।

– त्रिपुरा की 222 नगर निकाय सीटों पर आज रिजल्ट आ रहे हैं।

-राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा के सभी आठ जिलों के 13 मतदान केंद्रों पर मतगणना शुरू हो गई है, जहां तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

बता दें कि राज्य में शहरी स्थानीय निकायों – एएमसी, 13 नगर परिषदों और छह नगर पंचायतों में 334 सीटें हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और उनमें से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल की है। बाकी 222 सीटों पर 785 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनावी लड़ाई में सत्तारूढ़ भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और माकपा आमने-सामने हैं। तृणमूल कांग्रेस स्वयं को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए पूर्वोत्तर और अन्य जगहों में खुद को स्थापित करना चाहती है, जबकि माकपा को कुछ वर्ष पहले भाजपा ने राज्य में सत्ता से हटाया था।

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