नई दिल्ली : भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हब बन गया है। देश में 73 हजार से ज्यादा स्टार्टअप है, जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक हैं। इनको स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता दी गई है। 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य नवाचार और उद्यमिता के भविष्य को आकार दे रहा है। पिछले दशक में भारत में उद्यमशीलता की भावना में काफी बदलाव आया है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहर नवाचार के केंद्र बन गए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर सबसे जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक के रूप में उभरा है, जिसने तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में अपनी जगह बनाई है। भारत अब 73 हजार से ज्यादा स्टार्टअप का घर है, जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक को स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता दी गई है। यह आंकड़ा केंद्र सरकार समर्थित 1,57,066 स्टार्टअप में से करीब आधे का प्रतिनिधित्व करता है, जो नवाचार और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
मंत्रालय ने कहा कि किफायती इंटरनेट की व्यापक उपलब्धता के साथ ही युवा और गतिशील कार्यबल ने फिनटेक, एडटेक, हेल्थ-टेक और ई-कॉमर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा दिया है। भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट के मुताबिक भारत के स्टार्टअप ने स्थानीय और वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठाया है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इनक्यूबेटर, एक्सेलेरेटर और मजबूत मेंटरिंग नेटवर्क समर्थित नवाचार की इस संस्कृति ने एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया है, जो जमीनी चुनौतियों को अत्याधुनिक समाधानों से जोड़ता है।