बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना काल में हमलोगों ने किसी की उपेक्षा नहीं की है, सबके हित के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक की। बैठक में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति एवं लॉकडाउन की अवधि विस्तार पर निर्णय लिया गया।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमलोग हर जरुरी कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “प्रतिदिन औसतन लगभग 1 लाख 27 हजार जांच की जा रही है। कोरोना संक्रमण जांच की संख्या को और बढ़ाना है, इसे प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक तक ले जाना है।”
उन्होंने कहा कि सभी लोगों के टीकाकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वालों के अश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए की राशि दी जा रही है।
उन्होंने कहा, सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से जिनकी भी मृत्यु हुई है उसकी पूरी जानकारी एकत्रित करें और उनके परिजनों को अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चलंत टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गई है, जिससे प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार जांच होगी तथा इस जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में लोगों को मिल जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान सामूहिक किचेन के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रत्येक प्रखंड में सामुदायिक किचेन की शुरुआत की गई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान इच्छुक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले दो दिनों से अधिकारियों के स्तर पर लॉकडाउन अवधि विस्तार को लेकर सुझाव आए। सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के आधार पर 26 मई से 1 जून तक लॉकडाउन की अवधि का विस्तार का निर्णय लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे लेकर सभी जिलाधिकारियों को पहले से ही विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने किसी की उपेक्षा नहीं की है। सबके हित के लिए काम कर रहे हैं।
(आईएएनएस)