केरल में 400 पादरियों के खिलाफ FIR, रिट्रीट कार्यक्रम में कोविड-19 प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई
केरल पुलिस ने गुरुवार को चर्च ऑफ साउथ इंडिया (CSI) दक्षिण केरल के बिशप फादर धर्मराज रसालम समेत 400 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस पिछले महीने इडुक्की जिले में हिल स्टेशन मुन्नार में एक धार्मिक आयोजन में कोविड-19 प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाने के आरोप में दर्ज किया गया है। बता दें कि पिछले सप्ताह कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दो पादरियों की मौत के बाद यह घटना सामने आई। तब से लेकर अभी तक 100 से अधिक पादरियों की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
मामला सामने आने के बाद चर्च के कुछ पादरियों ने आरोप लगाया कि रिट्रीट में शामिल नहीं होने पर अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी गी थी। जिसके बाद उन्हें मजबूरन कार्यक्रम में शामिल होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इस मामले को दबाने का प्रयास भी किया गया था और कोरोना पॉजिटिव अधिकांस पादरियों को केरल-तमिलनाडु सीमा पर चलाए जा रहे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर दिया गए थे।
घटना को लेकर राजस्व के अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के बाद केस दर्ज किया गया है। जांच में पता चला है कि कार्यक्रम में शामिल हुए 450 से अधिक लोग जिनमें अधिकांश पादरी हैं, सभी ने महामारी नियमों का उल्लंघन किया है। जिला कलेक्टर एच दिनेश ने बाद में पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। वहीं, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस घटना को बुधवार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
चर्च के सूत्रों ने बताया कि कुछ युवा पादरियों ने कार्यक्रम के टाइमिंग पर भी सवाल उठाए थे लेकिन, अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी की वजह से उन्होंने भी चुप्पी साध ली थी। वहीं, ज्वाइंट क्रिश्चियन काउंसिल के सदस्य जैकब मैथ्यू ने कहा कि रिट्रीट के फोटो सेशन के दौरान कोरोना नियमों को तोड़ा गया। किसी ने भी मास्क नहीं पहन रखा है। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में कुछ अधिकारियों को अलर्ट भी किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, चर्च ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सभी सावधानियां बरती गईं और केल 28 पादरियों कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है न कि 100 की। कार्यक्रम की योजना काफी पहले तैयार कर ली गई थी जो कि सभी मानदंडों का पूरा करते थे।