रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार से जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह केंद्र शासित प्रदेश में अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सूत्रों ने बताया कि थल सेना के वरिष्ठ कमांडर सिंह को नियंत्रण रेखा सहित आंतरिक क्षेत्रों में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति से अवगत कराएंगे। जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में आम लोगों की हत्या की घटनाएं बढ़ने के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने आतंकवाद रोधी अभियान तेज कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
फरवरी 2021 में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के सैन्य कमांडरों के बीच संघर्ष विराम समझौते की पुष्टि के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) काफी हद तक शांत है, लेकिन भीतरी इलाकों में आतंकवादी गतिविधि बढ़ गई है।
कुछ समय पहले उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि दो या तीन अपवादों को छोड़ दें तो नियंत्रण रेखा शांत है। लेकिन, उन्होंने कहा कि घुसपैठ के लिए सुरक्षाबलों का जीरो टॉलरेंस जारी है। द्विवेदी ने कहा था कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सीमा पर लगभग छह प्रमुख आतंकवादी शिविर मौजूद हैं और 29 छोटे शिविर भी हैं। उन्होंने कहा कि अस्थायी लॉन्चिंग पैड “सैन्य ठिकानों के साथ स्थित” थे
उन्होंने कहा कि लगभग 200 आतंकवादी हमले शुरू करने के लिए इंतजार कर रहे हैं, और कश्मीर घाटी के भीतर लगभग 40-50 स्थानीय आतंकवादी हैं। ऐसी भी खबरें आई हैं कि कुछ “अमेरिका में बनी एम4 राइफलें” और “यूके और चीन में बने नाइट-विजन गॉगल्स” इस क्षेत्र में पाए गए थे, जिससे संकेत मिलता है कि पिछले साल अफगानिस्तान में नाटो बलों द्वारा छोड़े गए कुछ हथियार कश्मीर पहुंच चुके हैं।