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आखिर कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने कबूला, कैसे उसके हाथ लगा ‘कुबेर का खजाना’

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जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पिछले हफ्ते कानपुर के एक इत्र व्यवसायी के यहां से 194 करोड़ से ज्यादा रुपये जब्त किए थे। अब इस आरोपी व्यवसायी ने एजेंसी को बताया है कि उसे पैसे कैसे मिले। छापेमारी में कारोबारी के कानपुर और कन्नौज के घर से करीब 194.45 करोड़ रुपये से ज्यादा नकदी, 23 किलो सोना, 600 किलो चंदन की लकड़ी बरामद हुई है। कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये तक की आंकी जा रही है। लेकिन सवाल उठता है कि व्यवसायी के पास इतना पैसा आया कहां से? हालांकि इसका जवाब खुद पीयूष जैन ने दिया है। एजेंसी ने कहा कि पीयूष जैन ने खुद स्वीकार किया है कि उसके परिसर से बरामद नकदी बिना कर चुकाए माल की बिक्री से संबंधित थी।

कहां से आया इतना पैसा?

समाचार एजेंसी एएनआई ने डीजीजीआई के हवाले से लिखा, “पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि आवासीय परिसर से बरामद कैश जीएसटी के भुगतान के बिना माल की बिक्री से संबंधित है।” अधिकारी ने कहा कि कन्नौज की ओडोकेम इंडस्ट्रीज द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी का संकेत मिला है। इसको लेकर भारी सबूत मौजूद हैं। यानी कारोबारी पीयूष जैन के पास जो पैसा आया है वह बिना जीएसटी चुकाए माल की बिक्री का है। डीजीजीआई अहमदाबाद ने व्यवसायी पीयूष जैन को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 67 के तहत 194 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाबी नकदी, कच्चा और तैयार माल बरामद करने के बाद गिरफ्तार किया है।

अभी और निकलेगा कैश? जांच जारी

आधिकारिक सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इससे पहले रविवार को, डीजीजी ने उत्तर प्रदेश में कन्नौज जिले के ओडोकेम इंडस्ट्रीज के प्रमोटर जैन के कारखाने और आवास से 10 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद किए। जैन के पास से कथित रूप से बरामद कुल नकदी 194.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि डीजीजीआई और स्थानीय केंद्रीय जीएसटी की एक संयुक्त टीम ने कन्नौज में जैन की फैक्ट्री से 5 करोड़ रुपये की जब्ती की है। कन्नौज में जैन के आवास से एक और 5 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। कानपुर के बाद, वे जैन को उनके कारखाने और कन्नौज स्थित आवास पर ले गए, जिसके परिणामस्वरूप 10 करोड़ रुपये की नकद वसूली हुई।

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