तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हेलिकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत सहित भारतीय सेना के 13 जवान शहीद हो गए थे। इन 13 में से एक बिपिन रावत के वफादार हवलदार सतपाल राय भी थे। दार्जिलिंग के सतपाल राय का अंतिम संस्कार सोमवार को किया गया और उन्हें उसके पिता की कब्र के बगल दफनाया गया। इस दौरान सतपाल राय को सैन्य सम्मान भी दिया गया और उनका पूरा परिवार वहां मौजूद रहा। सतपाल का बेटा भी भारतीय सेना में है।
दरअसल, दार्जिलिंग के सतपाल राय का पार्थिव शरीर रविवार रात उनके पैतृक निवास पर लाया गया है। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। समारोह में सतपाल का पूरा परिवार मौजूद था। उनके परिवार में मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। इसके अलावा सेना की 33 कोर के वरिष्ठ अधिकारियों, दार्जिलिंग के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सांसद राजू बिस्ता, कुर्सेओंग विधायक नीरज जिम्बा और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के पूर्व अध्यक्ष अनीत थापा सहित सैकड़ों लोग सैनिक को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
सतपाल राय के बेटे राइफलमैन बिकल राय जो गोरखा राइफल्स में सेवारत हैं, उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। तीन साल पहले सेना में शामिल हुए बिकल राय ने कहा कि मेरे पिता मेरे सबसे बड़े दोस्त और सपोर्ट सिस्टम थे। वह हमेशा मुझे खुश देखना चाहता था। सतपाल ने आखिरी बार अपने बेटे से 8 दिसंबर की सुबह बात की थी। वे दुर्घटना से चार दिन पहले दिल्ली में एक पार्टी में अपने बेटे से मिले थे।
सतपाल राय की पत्नी मंदिरा राय ने बताया कि मेरे पति जल्दी सेवानिवृत्ति लेना चाहते थे, लेकिन जनरल बिपिन रावत ने ही उन्हें यह कहते हुए जाने नहीं दिया कि वे एक साथ ही सेवानिवृत्त होंगे। पत्नी ने बताया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद एक व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे थे। सतपाल का गांव तकदाह दार्जिंलिंग शहर से 25 किमी दूर है।
बता दें कि वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 सैन्य अफसरों की बुधवार को मौत हो गई थी। हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदा बचे इकलौते शख्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को बेहतर इलाज के लिए गुरुवार को वेलिंगटन से बेंगलुरु के कमांड हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।