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डिजिटल अरेस्ट : बैंक मैनेजर के पिता से 15 लाख की ठगी

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वीडियो कॉल पर सीबीआई अधिकारी बन मनी लांड्रिंग का मामला बताकर धमकाया

झांसी । मोंठ थाना क्षेत्र में एक बैंक मैनेजर के पिता को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये की ठगी कर ली गयी। साइबर ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल किया और मनी लांड्रिंग का केस दर्ज होने की धमकी देकर 26 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मामला सुलटाने के नाम पर 15 लाख रुपये की मोटी रकम ऐंठ ली। कई दिनों तक इस सदमे में गुमसुम रहने के बाद जब पीड़ित ने बेटे को जानकारी दी तो बैंक मैनेजर के होश उड़ गए। अब जाकर पिता की तहरीर पर साइबर पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की पड़ताल शुरू की।

मोंठ के पाडरी गांव निवासी रघुवीर सिंह बड़े जमींदार हैं। उनका बेटा मध्य प्रदेश में बैंक शाखा प्रबंधक है। रघुवीर ने पुलिस को बताया कि 12 दिसंबर की सुबह तीन अलग-अलग नंबरों से उनके पास कॉल आई। फिर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आयी। फोन उठाया तो ऑफिस में एक व्यक्ति बैठा था। सायरन भी बज रहा था।

वह कहने लगा कि मुंबई से सीबीआई अधिकारी आदित्य राठौर बोल रहा हूं। आपके खिलाफ सीबीआई ने मनी लांड्रिंग के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो गया है। उसने मुझे एक नोटिस भी भेजा। फिर कहा कि जब तक पूछताछ पूरी न हो जाए, तब तक घर से बाहर न निकलें।

फर्जी सीबीआई अधिकारी ने कुछ देर बाद मामला निपटाने का ऑफर रख दिया। इस दौरान बाहरी व्यक्ति से बात करने पर गिरफ्तारी करने की भी धमकी दी। धमकाने पर रघुवीर उसकी बात मानने को राजी हो गए। डरा-धमकाकर साइबर जालसाज ने 15 लाख रुपये रघुवीर से वसूल लिए। पूरी रकम अलग-अलग खातों में रघुवीर ने ट्रांसफर कर दी। रघुवीर घर में डरे-सहमे से रहने लगे। परिजनों के पूछने पर कई दिनों बाद उन्होंने पूरी बात बताई। यह सुनकर परिजन सन्न रह गए। जिसका बेटा लोगों को साईबर ठगों से सावधान रहने का पाठ पढ़ाता नहीं थकता था, उसी के पिता को ही साइबर अपराधियों ने डिजिटली अरेस्ट कर ठग लिया।

इस संबंध में साइबर थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की पड़ताल शुरू कर दी गई है।

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