11.6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी सरकार, RBI और बैंक देंगे इतना मुनाफा

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केंद्र सरकार अपने खर्च को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में बाजार से लगभग 11.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान 9.7 लाख करोड़ रुपये से लगभग दो लाख करोड़ रुपये अधिक है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्ज का संशोधित अनुमान 8,75,771 करोड़ रुपये है, जबकि बजट अनुमान में यह आंकड़ा 9,67,708 करोड़ रुपये था। 

आरबीआई और बैंक देंगे मुनाफा: वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थानों से मुनाफा भी मिलेगा। अगले वित्त वर्ष में 73,948 करोड़ रुपये का डिविडेंड और सरप्लस मिलने का अनुमान है। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के अनुमान से करीब 27 प्रतिशत कम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक सरकार को 2021-22 में आरबीआई, सार्वजनिक बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से डिविडेंड या सरप्लस के तौर पर 1,01,353 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। इस तरह वास्तविक संदर्भों में अगले वित्त वर्ष में सरकार को मिलने वाला लाभांश करीब 27,400 करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है।

आरबीआई ने कितना किया भुगतान: वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने 99,122 करोड़ रुपये का सरप्लस सरकार को दिया है। आरबीआई ने मई, 2021 में यह भुगतान वित्त वर्ष 2020-21 के लिए किया था। बजट प्रस्तावों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाले डिविडेंड और अन्य निवेश से आय के भी अगले वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 46,000 करोड़ रुपये रहने का संशोधित अनुमान जताया गया है।

डिविडेंड और सरप्लस के तौर वर्ष 2022-23 में सरकार का कुल संग्रह 1,31,948 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में इस संग्रह के 1,68,247 करोड़ रुपये रहने का संशोधित अनुमान है।

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