यूपी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार की परीक्षा की घड़ी नजदीक आ गई है। योगी यूपी की सत्ता को बरकरार रख पाएंगे या नहीं, यह इस बात से ही तय होगा कि जनता उनके 5 साल के कामकाज से कितनी खुश या नाराज है। इसका सही जवाब तो 10 मार्च को मतगणना के दिन मिलेगा, लेकिन फिलहाल सी वोटर के सर्वे में जो नतीजा सामने आया है, उसने जरूर भाजपा को खुश होने का मौका दिया है।
सी वोटर के सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि क्या वे योगी सरकार के कामकाज खुश हैं तो 44 फीसदी लोगों ने ‘अच्छा’ कहा। 20 फीसदी लोगों ने योगी सरकार के कामकाज को औसत बताया तो वहीं 36 फीसदी ने भाजपा सरकार के कामकाज को खराब की श्रेणी में रखा। इस लिहाज से देखा जाए तो 64 फीसदी लोग योगी सरकार के कामकाज से या तो खुश हैं या संतुष्ट हैं और 36 फीसदी लोग नाराज हैं।
छोटे दलों से गठबंधन से सपा को फायदा या नुकसान?
समाजवादी पार्टी ने इस बार बड़े दलों से परहेज करते हुए यूपी के छोटे दलों को जोड़कर बड़ा कुनबा बनाने की कोशिश की है। सर्वे में जब लोगों से सवाल पूछा गया कि अखिलेश की रणनीति फायदेमंद है या उन्हें नुकसान होगा तो 46 फीसदी लोगों ने कहा कि सपा को फायदा होने जा रहा है। 37 फीसदी ने कहा कि नुकसान होगा। 14 फीसदी मानते हैं कि इसका कोई असर नहीं होगा। वहीं 3 फीसदी ने ‘पता नहीं’ में जवाब दिया।
डिजिटल प्रचार में कौन सी पार्टी मजबूत?
कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने सिर्फ डिजिटल तरीके से प्रचार की अनुमति दी है। डिजिटल प्रचार में कौन सी पार्टी मजबूत है? इसके जवाब में 66 फीसदी लोगों ने बीजेपी का नाम लिया तो 21 फीसदी सपा को आगे मानते हैं। 03 फीसदी ने बसपा को आगे बताया तो 2 फीसदी कांग्रेस को मजबूत मानते हैं। 3 फीसदी अन्य को आगे बताते हैं तो 5 फीसदी ने ‘पता नहीं’ विकल्प चुना।