बहुत ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थामने ही वाले थे। अब वही प्रशांत किशोर कांग्रेस के साथ काम करने की बात पर हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं। वाकया बिहार का है, जहां चुनावी रणनीतिकार अपनी राजनीतिक संभावनाओं को टटोलते के लिए दौरा कर रहे हैं। अपने गृह राज्य के एक गांव से प्रशांत किशोर का यह वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में पीके कह रहे हैं कि कांग्रेस खुद भी नीचे जाएगी और यह अपने साथ सभी को नीचे ले जाएगी
गांव का है वीडियो
वीडियो में प्रशांत किशोर किसी गांव में हैं और उनके आसपास अन्य लोग बैठे हुए हैं। इसमें पीके बतौर चुनावी रणनीतिकार अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं। वह कह रहे हैं कि 2015 में हमने बिहार में जीत हासिल की। 2017 में हमने पंजाब में जीत हासिल की। 2019 में जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में जीत। हमने तमिलनाडु और बंगाल में जीत हासिल की। वह आगे कहते हैं कि 11 साल में हम सिर्फ एक चुनाव हारे, वह था 2017 का उत्तर प्रदेश चुनाव। इसलिए मैंने तय किया कि अब कभी कांग्रेस के साथ काम नहीं करुंगा। इसके साथ ही वह हाथ जोड़ लेते हैं।
कांग्रेस कभी एकजुट नहीं हो सकी
प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी थी, जो कभी एकजुट नहीं हो सकी। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा कांग्रेस बॉसेज का हाल यह है कि वो खुद भी डूबेंगे और अपने साथ वालों को भी ले डूबेंगे। पीके ने कहा कि अगर मैं उनके साथ जाऊंगा तो मेरा भी डूबना तय है। गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर को असफल बताया था। साथ ही भविष्यवाणी की थी कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी चुनावों में पार्टी का कुछ नहीं होने वाला।
बेनतीजा रही थी 600 स्लाइड शो की प्रजेंटेशन
पार्टी में भूमिका को लेकर कांग्रेस के साथ पीके का तालमेल साल में दूसरी बार गड़बड़ाया है। कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की योजना के तहत उन्होंने 600 स्लाइड शो का प्रजेंटेशन दिया था। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की चर्चा में इस पर बात नहीं बनी। इससे पहले उन्होंने सोनिया को पार्टी अध्यक्ष जबकि किसी गैर कांग्रेसी को कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड का मुखिया बनाने की बात कही थी। कई दिनों तक चले निगोशिएशन के बाद जब पीके को एंपॉवर्ड एक्शन ग्रुप का सदस्य बनाने की बात आई तो उन्होंने पार्टी जॉइन करने का मन बदल दिया था।