सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के साबरमती आश्रम के पुनर्विकास से जुड़े एक मामले में महात्मा गांधी के परपोते तुषार अरुण गांधी की याचिका पर एक अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता के वकील इंदिरा जयसिंह की शीघ्र सुनवाई की अर्जी स्वीकार करते हुए मामले को एक अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
सीनीयर वकील इंदिरा जयसिंह ने विशेष उल्लेख के दौरान गुहार लगाते हुए कहा है कि पुनर्निर्माण कार्य जल्द हो सकता है, लिहाजा गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जरूरत है। याचिका में यह दावा करते हुए राज्य सरकार की पुनर्विकास योजना पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है कि जिस प्रकार से योजना बनाई गई है उससे आश्रम के प्राचीन स्वरूप पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
शीर्ष अदालत के समक्ष जयसिंह ने कहा, ‘निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा इसलिए इस मामले में वर्चुअल सुनवाई की जरूरत है।” मुख्य न्यायाधीश ने सीनीयर वकील की इस अर्जी को स्वीकार करते वर्चुअल सुनवाई के दिन इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी के परपोते ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने तुषार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। याचिका में गुजरात सरकार की पुनर्विकास योजना में कई खामियां बताते हुए उस पर तत्काल रोक लगाने की गुहार की गई है।