आध्यात्मिक गुरू और ईशा फाउंडेशन के निर्माता सदगुरु ने भी ज्ञानव्यापी मस्जिद में सर्वे कराए जाने के फैसले का समर्थन किया है। यही नहीं, सदगुरू ने श्रृंगार गौरी मंदिर का भी सर्वे कराए जाने को लेकर सहमति जताई है जो काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानव्यापी मस्जिद के परिसर में है। हालांकि सदगुरू ने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिर मस्जिद विवाद के बाद एक रेखा खींची जानी चाहिए।
गौरतलब है कि ये पूरा विवाद उस याचिका से जुड़ा है जिसमें कहा गया है कि ज्ञानव्यापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर माता श्रृंगार गौरी का चित्र है। गुरुवार को सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने आदेश दिया कि 17 मई से पहले सर्वे का काम पूरा होना चाहिए। अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मुस्लिम पक्ष की याचिका को भी खारिज करते हुए दो वकीलों की नियुक्ति की है। मुस्लिम पक्ष मस्जिद के भीतर सर्वे और वीडियोग्राफी का विरोध कर रहा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उन्हें सर्वे से आपत्ति नहीं है बल्कि सर्वे टीम के मस्जिद के भीतर जाने से आपत्ति है।
वहीं दूसरी तरफ मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के बीच विवाद चल रहा है। इस मामले पर गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मथुरा कोर्ट को चार महीने के भीतर इस मामले से जुड़े सभी केसों का निपटारा करने का आदेश दिया है। मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद केस से जुड़े विवाद का जल्दी निपटारा किए जाने को लेकर दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया।