Tansa City One

संजय गांधी ने की थी बुलडोजर ऐक्शन की शुरुआत, आज भी तुर्कमान गेट को याद करते हैं लोग

0

उत्तर प्रदेश हो या राजधानी दिल्ली बुलडोजर कार्रवाई को लेकर चर्चाएं जारी हैं। संपत्तियों को बुलडोजर के जरिए गिराने के चलते सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के निशाने पर है। लेकिन भाजपा के नेता भी इस तरह की कार्रवाई के तार कांग्रेस के सियासी इतिहास से जोड़ रहे हैं। संयोग से आज कांग्रेस नेता संजय गांधी की 42वीं पुण्यतिथि भी है। बुलडोजर एक्शन नया नहीं है और अगर दशकों पुरानी घटनाओं को देखें, तो संजय की भूमिका बेहद अहम नजर आएगी। ऐसी ही एक घटना तुर्कमान गेट विध्वंस की भी है, जो लोगों के जहन में आज भी जिंदा है।

कहा जाता है कि आपातकाल के दौर में संजय की सियासी पारी ने रफ्तार पकड़ी। बड़े स्तर पर नसबंदी से लेकर तुर्कमान गेट जैसे कई विवादित अध्याय भारतीय इतिहास का हिस्सा बने।

शुरू से समझें

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बात 1976 की है, जब संजय ने सरकारी अधिकारियों को दिल्ली में परिवार नियोजन अभियान को तेज करने के आदेश दिए थे। साथ ही उन्होंने दिल्ली को सुंदर बनाने के भी आदेश जारी किए, जिसका मतलब सभी झुग्गी झोपड़ियों को हटाना और वहां रहने वालों की नसबंदी करना था।

अब तुर्कमान गेट विध्वंस पर आते हैं

13 अप्रैल 1976 को पहली बार बुलडोजर तुर्कमान गेट के अंदर आया और कुछ झुग्गियों को हटा दिया। हालांकि, इस दौरान इस कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने विरोध नहीं किया। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि कांग्रेस नेता तुर्कमान गेट आए थे और वह इलाके में रहने वाले लोगों की तरफ से किए गए स्वागत से नाखुश थे। यह भी कहा जाता है कि तुर्कमान गेट के आसपास बने भवनों के चलते भी वह जहां खड़े थे, वहां से ज्यादा दूर तक नहीं देख पा रहे थे।

About Author

Comments are closed.

Maintain by Designwell Infotech