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जलमार्ग से ज्ञानवापी जाएंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, पुलिस ने दी हिदायत, कहा-न जाएं

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ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने में मिली आकृति को आदि विश्वेश्वर शिवलिंग मानते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती चार जून को वहां पूजन करने जाएंगे। उनके साथ 71 भक्तों का जत्था होगा। 

ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को संदेश भेजा था कि ज्ञानवापी में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर का पूजन शुभ मुहूर्त देखकर अविलंब आरंभ कर दिया जाए।

ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार शनिवार के दिन प्रात: साढ़े आठ से दोपहर साढ़े 12 बजे तक पूजन का उत्तम मुहूर्त है। अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की है कि आदिविश्वेश्वर के पूजन के लिए भक्तों का जत्था केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ से प्रात: साढ़े आठ बजे ज्ञानवापी प्रस्थान करेगा।

इस जत्थे में शामिल 64 भक्तों के हाथों में पूजा की थाली होगी। पांच आचार्य होंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि सभी भक्त केदारघाट से नौका पर सवार होकर ललिताघाट प्रस्थान करेंगे। ललिताघाट से कलशों में गंगाजल लेकर भक्तगण ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने में मिले शिवलिंग तक जाएंगे।

पुलिस ने कहा, पूजा-भोग की अनुमति नहीं

ज्ञानवापी मस्जिद के सील किए गए स्थान पर आदि विश्वेश्वर के पूजा-भोग की प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। कमिश्नरेट पुलिस ने इसकी सूचना देते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को कानून का उल्लंघन न करने की हिदायत भी दी है। डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

डीसीपी ने बताया कि उस परिसर व स्थल के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जनपदीय न्यायालय, सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में वाद विचाराधीन है। यह स्थल न्यायालय के आदेश से सील किया गया है तथा सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे में है। इन परिस्थितियों में शांति व कानून-व्यवस्था को देखते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को उस स्थल पर पूजा की अनुमति नहीं दी गई है। कानून के उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश पर कार्रवाई होगी।  

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