कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद लोगों में लगातार दूसरी परेशानियां देखने को मिल रही हैं। एम्स के डॉक्टरों के एक शोध के मुताबिक 40 फीसदी से अधिक लोगों में कोरोना से ठीक होने के बाद कई तरह के लक्षण देखे गए हैं। शोध के मुताबिक लगभग 10 फीसदी मरीजों में कोरोना होने के तीन महीने बाद भी कुछ लक्षण मौजूद हैं। एम्स के डॉक्टरों ने उत्तर भारत के 1234 कोरोना मरीजों पर यह शोध किया है। यह शोध एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर नवनीत विग के निर्देशन में हुआ है।
प्रोफेसर नवनीत विग का कहना है कि यह शोध इस बात पर ध्यान दिलाता है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी तीन से छह महीने तक लोगों को अपने स्थानीय डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सभी मरीजों के लक्षण बाद में ठीक भी हो गए। सिर्फ 10 फीसदी मरीजों के लक्षण तीन महीने बाद जाकर ठीक हुए।
नवनीत कहा कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधान रहना चाहिए। इस शोध में यह सामने आया है कि 495 मरीजों में ठीक होने के बाद भी लक्षण देखे गए। 18 फीसदी मरीज यानी 223 मरीजों में चार सप्ताह के अंदर लक्षण खत्म हो गए। शोध में शामिल 12 फीसदी मरीजों में 12 सप्ताह तक लक्षण रहे और सिर्फ लगभग 10 फीसदी मरीज ऐसे थे, जिनमें 12 सप्ताह यानी लगभग तीन महीने बाद भी लक्षण दिखाई दे रहे थे।
मांसपेशियों में दर्द और सांस की तकलीफ सबसे ज्यादा
कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों में मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी वाले लक्षण प्रमुख थे। 10.9 फीसदी लोगों को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत थी। 6.1 फीसदी लोगों में सांस लेने में तकलीफ और 5.5 फीसदी लोगों में थकावट के लक्षण देखे गए। कुछ लोगों में नींद का न आने और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण भी मौजूद थे।
कितने मरीजों में किस तरह के लक्षण मिले
10.9 फीसदी लोगों के मांसपेशियों में दर्द
6.1 फीसदी लोगों को सांस लेने में तकलीफ
5.5 फीसदी में थकावट के लक्षण दिखे
2.1 फीसदी लोगों में खांसी बनी हुई थी
1.4 फीसदी लोगों को नींद बिगड़ने की परेशानी
0.48% में मूड खराब रहना
0.6 फीसदी लोगों में तनाव के मामले देखे गए
कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लोगों में अलग-अलग लक्षण देखे जा रहे हैं। शोध में शामिल सभी लोग ठीक हो गए हैं। कोरोना से ठीक होकर घर आने के बाद भी लोगों को पहले तीन महीने तक अपने स्थानीय डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। – प्रोफेसर नवनीत विग, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, एम्स