जैसलमेर : जैसलमेर के मोहनगढ़ में बीते तीन दिन से ट्यूबवेल कोलैप्स होने के बाद भूगर्भ से निकल रहे पानी का बहाव अब बंद हो गया है। रविवार देर रात पानी के साथ ही निकलने वाली गैस भी बंद हो चुकी है।
इस संबंध में लगातार प्रयास किये गए जा रहे थे। जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि जल्दी ही विशेषज्ञों की टीमें माैके पर आएंगी।
उन्होंने आमजन ने उस क्षेत्र में न जाने की अपील की है। उधर प्रभावित जमीन से जहरीली गैस के रिसाव और जमीन धंसने की आशंका काे देखते हुए धरती में समाए ट्रक और बोरिंग मशीन निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी नहीं चलाया जा रहा है। ऑयल कंपनी के विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। फिलहाल इस इलाके को खाली करवा लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जैसलमेर के मोहनगढ़ स्थित चक-27 बीडी के 3 जोरा माइनर के पास 28 दिसंबर की सुबह भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल की खुदाई के दौरान अचानक पानी की धारा फूट पड़ी थी। पानी की धारा जमीन से कई फीट ऊपर तक उठते हुए गिरने लगी। खेत में नदी की तरह पानी बहने लगा। पानी के साथ गैस और कीचड़ भी आने लगा। अचानक भारी मात्रा में पानी निकलने के कारण मौके पर बड़ा गड्डा बन गया। बोरवेल की खुदाई कर रही मशीन ट्रक के साथ धंस गई। यह देखकर मौके पर खुदाई कर रहे ग्रामीण और अन्य लोग मौके से दूर भाग गए।लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन के साथ भूजल विभाग को दी तो अधिकारी मौके पर पहुंचे। मीठे पानी के लिए इस बोरवेल गहराई में खुदवाया था ।
मोहनगढ़ के उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस जगह पर कभी भी फिर से रिसाव शुरू हो सकता है। ये गैस हानिकारक भी हो सकती हैं। भूमि धंसने और विस्फोट जैसी घटना भी हो सकती है।
कलेक्टर प्रताप सिंह ने घटनास्थल और उसके आस-पास किसी भी सामान्य व्यक्ति-पशुओं के आने-जाने पर पाबंदी लगाई गई है। 29 दिसंबर की रात उन्होंने आदेश जारी कर धारा 163 लगाई है। इस आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि इस तरह के हालात में आमजन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसलिए सुथार मंडी के 27 बीडी के आस-पास के क्षेत्र में आमजन के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। बहते पानी या गैस के रिसाव के कारण पशुओं या आमजन को नुकसान हो सकता है।
कलेक्टर ने बताया कि ऑयल-गैस कंपनियों की विशेषज्ञों ने जो सैंपल लिया है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे का काम शुरू होगा। फिलहाल प्रभावित इलाके में सामान्य नागरिकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।
ट्रक और बोरिंग मशीन पानी में समाने की घटना के बाद प्रशासन ने 500 मीटर के रेडियस का इलाका खाली करवा चुका है। ओएनजीसी, केयर्न इंडिया और ऑयल इंडिया के विशेषज्ञों को मौके पर बुलाया गया था। विशेषज्ञों ने 29 दिसंबर की दोपहर सैंपल लिए थे।