लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लद्दाख के नेताओं ने दिल्ली में गृह मंत्रालय से मुलाकात की, जानिए पूरी खबर

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जम्मू-कश्मीर से अगस्त, 2019 में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद पहली बार गुरुवार को लद्दाख के नेता दिल्ली में गृह मंत्रालय पहुंचे और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। यह मुलाकात इसलिए खास है, क्योंकि पिछले महीने ही जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेता दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साढ़े तीन घंटे तक मुलाकात करके गए थे और मोदी सरकार को उसे वापस राज्य का दर्जा दिए जाने का उसका वादा याद दिलाया था। लद्दाख से नेताओं और सिविल सोसाइटी का ये दल 11 सदस्यीय प्रतिनिधिनिमंडल लेकर आया था, जिसे गृह राज्यमंत्री ने आगे भी बातचीत के लिए बुलाने का भरोसा दिया है, साथ ही उन्होंने खुद भी लद्दाख जाने की बात कही है।

पहली बार लद्दाख को राज्य बनाने की उठी मांग केंद्रीय मंत्री से मिलने आए लद्दाख के लोगों में वहां के सिविल सोसाइटी के लोगों के अलावा कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस से जुड़े राजनीतिक नेताओं का दल भी शामिल था। कांग्रेस पार्टी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के नेता असगर अली करबलाई ने इस मुलाकात के बारे में बताया, ‘हमने लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य की मांग की है। हमारे सदस्यों ने खुले दिल से बात की और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी हमारी बातें खुले दिल से सुनीं और कहा कि यह पहली बैठक है और वह इससब पर आगे बात करेंगे और कुछ ठोस कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि लद्दाख के विकास को लेकर सरकार गंभीर है।’ वो बोले कि ‘ केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि वह खुद कारगिरल और लेह जाएंगे और हमें फिर से बुलाया जाएगा, लेकिन इसके लिए कोई तारीख नहीं दी गई है। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि केंद्र गंभीर है और वे हमारी बातों को गृहमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे और कुछ न कुछ होगा।’

‘आगे भी बातचीत जारी रहेगी’ 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। लद्दाख से आए 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बशीर अहमद शाकिर ने कहा कि उन्हें आगे भी बैठक बुलाने का आश्वासन दिया गया है। वो बोले- ‘हमने लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग की। किशन रेड्डी ने कहा कि वे लोग इसपर विचार करेंगे और इस मसले पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अब बातचीत शुरू हो चुकी है, यह पहली बैठक थी, हमें भरोसा दिया गया है कि आगे और भी बैठक होगी।’

लद्दाख को राज्य बनाने की क्यों उठी मांग प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक और सदस्य सैयद मोहम्मद शाह ने कहा कि लद्दाख से आए लोगों ने वहां के विकास का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, ‘हमने केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख में शुरू हुई हमारी समस्याओं को उठाया। हमने अपने विकास को लेकर बात की। हमने कारगिल और लद्दाख की मुश्किलें बताईं। आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद, हमने जॉब सिक्योरिटी को लेकर बात की और हमने कहा कि हमें राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, 35ए हमारे लिए सुरक्षा थी। हमें उसी तरह से राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, जैसा कि जम्मू और कश्मीर के साथ वादा किया गया है।’

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