गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि अब देश में डिजिटल तरीके से जनगणना होगी जिसके आंकड़े सौ फीसदी सही होंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल तरीके से की गई जनगणना के आधार पर अगले 25 सालों की पॉलिसी निर्धारित करने में मदद मिलेगी। असम के कामरूप जिले के अमीगांव स्थित जनगणना ऑफिस का उद्घाटन करते हुए गृहमंत्री ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि जनगणना की पॉलिसी निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिर्फ जनगणना के आधार पर विकास का पैमाना तय किया जा सकता है। इसके अलावा अनुसूचित जाती और अनुसूचित जन जाति के लोग किस तरह का जीवन जी रहे हैं, पहाड़ों, शहरों और गांवों में लोगों का जीवन स्तर कैसा है ये सब सिर्फ जनगणना के आंकड़ों के आधार पर तय किया जा सकता है।
गृहमंत्री ने कहा कि अब जो ई-जनगणना की जाएगी इसमें जन्म और मृत्यु दोनों डिजिटल जनगणना से जुड़े होंगे। हर जन्म के बाद डिजिटल जनगणना खुद ही अप्डेट हो जाएगी और जब किसी की मृत्यु होगी तो उसका नाम खुद ही डाटा से डिलीट हो जाएगा। अमित शाह ने कहा कि जन्म के बाद सेंसर रजिस्टर में बच्चे की जानकारी दर्ज हो जाएगी। इसके बाद जब वो 18 साल का होगा तो खुद ही उसका नाम चुनाव आयोग के पास चला जाएगा जिससे उसका वोटर आईडी कार्ड बन जाए। फिर जब किसी की मौत हो जाएगी तो ऑनलाइन जनगणना के डाटा से उस शख्स का नाम खुद ही डिलीट भी हो जाएगा। इस तरह से जनगणना का डाटा हमेशा खुद को अप्डेट करता रहेगा। उन्होंने कहा कि साल 2024 से हर जन्म और मृत्यु की जानकारी ऑनलाइन जनगणना से होगी।
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी को अपना नाम या पता बदलवाना है तो वो प्रक्रिया भी बहुत आसान होगी। दो दिन के असम दौरे पर गए गृहमंत्री ने मनकाचार सेक्टर स्थित बांग्लादेश सीमा का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बंद कमरे में बीएसएफ के अधिकारियों के साथ बातचीत की।