कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए प्रभावी उपायों और नई बीमारी म्युकरमाइसिस के उपचार के लिए फंड कम नहीं पड़ने देंगे। यह भरोसा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंगलवार को मुंबई में दिया।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को ताकत देने के लिए 15वा वित्त आयोग की 25% फंड और गौण खनिज फंड की रकम स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करने के लिए मंजूरी दिए जाने की जानकारी वित्त व योजना मंत्री के नाते अजीत पवार ने स्पष्ट की है।
साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोरोना मरीजों को होम क़्वारन्टाइन के बजाय संस्थात्मक आइसोलेशन पर जोर देने की साफ निर्देश दिए है. कोरोना बाधितों के संपर्क में आने वाले हाई रिस्क, लो रिस्क लोगों की टेस्टिंग पर जोर दिया जाये।
महात्मा जोतीराव फुले जान सवास्थ्य योजना के तहत म्युकरमाइसिस बीमारी का मुफ्त उपचार करने वाले 131 हॉस्पिटल्स की लिस्ट उन्होंने जारी की। राज्य के हॉस्पिटल्स के ऑक्सीजन, इलेक्ट्रिक, फायर ऑडिट तुरंत करने के निर्देश इस मौके पर अजीत पवार ने दिए। मंत्रालय में पवार ने कोरोना के साथ म्युकरमाइसिस की राज्य में स्थिति व उपायों की समीक्षा की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, अन्न व औषध प्रशासन मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे व महत्वपूर्ण सनद अधिकारी उपस्थित थे।
म्युकरमाइसिस की बीमारी के पहले चरण में ही पता चल जाने और दवा शुरू कर देने से इस बीमारी से लोग ठीक हो सकते है। ऐसे में इस बीमारी के मरीजों का पहले चरण में ही उपचार शुरू किया जाये। इस बीमारी से किसी की जान नहीं जानी चाहिए। म्युकरमाइसिस की दवा का कंट्रोल केन्द्र सरकार के हाथ में होने के कारण हर जिले के म्युकरमाइसिस मरीजों की अपडेटेड रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर करे। इसके अनुसार हमें दवा उपलब्ध होगी। हाफकीन इंस्टिट्यूट की तरफ से कुछ मात्रा में म्युकरमाइसिस की दवा का निर्माण होगा। वैश्विक टेंडर के जरिये यह दवा उपलब्ध होगी। जून में इस दवा की सप्लाई सामान्य हो सकती है। रएमडीसीविर की तरह जिला प्रशासन के जरिये इन दवाओं की उचित और प्रभावी वितरण करने के भी निर्देश अजीत पवार ने दिए है।