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नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डडे के नामकरण को लेकर शुरू हुआ सियासी संग्राम

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नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नामकरण के मुद्दे ने महाराष्ट्र की राजनीति गरमा दी है. रायगढ़ जिले के स्थानीय लोगों ने हवाई अड्डे को लोकनेता दिनकर बालू पाटिल का नाम देने की मांग की है. लेकिन सत्ता में बैठी शिवसेना पार्टी इसे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का नाम देने पर अड़ी है. तो वहीं MNS प्रमुख राज ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम देने की मांग की है.

ऐसे में 24 जून को नवी मुंबई में हजारों की संख्या में लोग रास्ते पर उतर आए.

आंदोलन के चलते घंटो तक मुंबई के एंट्री पॉइंट्स को सील करना पड़ा. पुणे, उरण और जेएनपीटी से मुंबई आने वाले रास्तों की आवाजाई रोक दी गई. वाहनों को ऐरोली के मार्ग से डाइवर्ट करना पड़ा. जिससे आम लोग घंटो तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे.

लगभग 5 हजार पुलिस बल को तैनात किया गया था. बावजूद उसके हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों ने नवी मुंबई महानगर निगम कार्यालय के सामने धरना दिया.

CIDCO भवन को घेराव करने की चेतावनी आंदोलनकारियों ने दी थी. लेकिन कोरोना के चलते धारा 144 को लागू कर दिया था. आंदोलन को इजाजत नही दी गई थी और आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं पर पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं.

सुबह से चल रहे प्रदर्शन को शाम 4 बजे के बाद स्थगित कर दिया गया. जिसके बाद मुंबई जाने वाले मुख्य हाइवे को खोल दिया गया. लेकिन आंदोलनकारियों ने 15 अगस्त तक पाटिल का नाम देने का अल्टीमेटम सरकार को दिया है. वरना 16 अगस्त से नवी मुंबई अंतराष्ट्रीय अड्डे का निर्माण काम रोकने के चेतावनी दी है.

पाटिल के नाम पर एयरपोर्ट की मांग क्यों?

नवी मुंबई के निर्माण में दी. बा. पाटिल की अहम भूमिका रही है. 1950 के दशक से पाटिल पनवेल से पाच बार विधायक रह चुके थे. आगे जाकर बतौर एमएलसी और सांसद भी बने. 1970 से 1980 के दौरान नवी मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिले के किसान और जमीन मालिकों की हक्क की लड़ाई का नेतृत्व पाटिल ने किया था. जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर CIDCO के खिलाफ बड़ा जनआंदोलन खड़ा करते हुए उन्हें उनकी जमीन का सही मुआवजा दिलवाया.

इसीलिए नवी मुंबई अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पाटिल का नाम देने की मांग स्थानीय लोग कर रहे हैं. पनवेल से बीजेपी विधायक प्रशांत ठाकुर का कहना है कि-

प्रशांत ठाकुर, बीजेपी विधायक, पनवेलहवाई अड्डे के निर्माण कार्य की शुरुआत से दी. बा. पाटिल का नाम देने ली मांग स्थानिय लोगों ने उठाई थी. लेकिन शिवसेना की सत्ता आते ही शिवसेना कोटे से नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का नाम देने का प्रस्ताव CIDCO को सौंपा. जिसके बाद स्थानीय लोगों में रोष बढ़ गया है. वो चाहे दूसरे किसी भी प्रकल्प को ठाकरे के नाम दे लेकिन हवाई अड्डे को पाटिल का ही नाम देना होगा.

कैसा होगा नवी मुंबई एयरपोर्ट ?

नवी मुंबई शहर से सटे पनवेल में 1160 हेक्टर जमीन पर अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रस्तावित है. मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे के लिए बड़े पर्याय के रूप में इस इस हवाई अड्डे को बनाया जा रहा है. फडणवीस सरकार का ये बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था. हवाई अड्डे के निर्माण के लिए लगने वाली लगभग पूरी जमीन अधिगृहित की गई है.

1600 करोड़ की लागत से नवी मुंबई एयरपोर्ट बनने जा रहा है. दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के तौर पर प्रचलित किया जा रहा है. जिसमें 3700 मीटर के दो समांतर रनवे होंगे. जिसके बेड़च में 1550 मीटर का अंतर होगा. इसका पहला रनवे 2023-24 को करने की सरकार की कोशिश है.

गौरतलब है कि आंदोलन से एक दिन पहले बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नवी मुंबई एयरपोर्ट का निर्माण का काम अडानी (Adani) समूह को सौंपने की मंजूरी दे दी. एयरपोर्ट का काम करने वाली मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) के मालिकाना हक अब अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड को दिए गए हैं. GVK एयरपोर्ट डेवेलपर्स के 50.5 प्रतिशत शेयर थे जिसे अडानी समूह ने खरीद लिया है.

Edited By : Rahanur Amin Lashkar

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