पालकमंत्री छगन भुजबल ने नाशिक-पुणे रेल ट्रैक की वजह से बाधित हुए किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया

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पुणे रेल ट्रैक की वजह से बाधित किसानों को उनकी जमीन का पांच गुना मुआवजा दिया जाएगा।  कही भी किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।  सरकार बाधित किसानों को उचित सहयोग देगी।  यह आश्वासन जिले के पालकमंत्री छगन भुजबल ने नाशिक-पुणे रेल ट्रैक की वजह से बाधित हुए किसानों के प्रतिनिधिमंडल को दिया है।

नाशिक तालुका के नानेगांव व उसके आसपास के परिसर के बाधित किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पालकमंत्री छगन भुजबल से नाशिक स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर मांगों का ज्ञापन सौंपा।  मौजे नानेगांव में पुणे-नाशिक रेल ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण व अधिगृहित गांव की 21. 5 हेक्टर बारमाही बागायती क्षेत्र होगा।  इस क्षेत्र में अंगूर, प्याज, गन्ना, फल के पेड़ व अन्य नकदी फसल उगाये जाते है।  इस प्रोजेक्ट की वजह से किसानों को भारी आर्थिक व भौगोलिक नुकसान होगा।  बाधित किसानों की जमीन 12 महीने फसल देने वाली होने और उदर निर्वाह का साधन होने की वजह से जमीन का उचित मुआवजा देने की मांग की गई है।  इस दौरान बाधित किसान ज्ञानेश्वर शिंदे, केरु काले, वासुदेव पोरजे, ज्ञानेश्वर काले, अशोक आडके, योगेश काले, प्रकाश आडके, सुकदेव आडके, मुकुंद गोसावी, राजाराम शिंदे उपस्थित थे।

रेलवे ट्रैक की वजह से किसानों के क्षेत्र का दो-तीन टुकड़ों में विभाजन होगा।  इसलिए पूरी क्षेत्र की सहमति के अनुसार खरीदी की जाए।  अंगूर के बगान निर्यात की क्षमता वाले होने की वजह से उन निर्यातकों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।  ऐसे में अंगूर के बगान और अन्य साधन सामग्री व फल के पेड़ का उचित मुआवजा दिया जाए।  बाधित किसानों के लिए पाइपलाइन 25 मीटर पर क्रॉसिंग की व्यवस्था की जाए. बाधित किसानों को प्रोजेक्ट पीड़ित का सर्टिफिकेट मिले और उनके परिवार में किसी एक को नौकरी देने की मांग की गई है।

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