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भविष्य में लॉकडाउन और नॉकडाउन दोनों नहीं- उद्धव ठाकरे

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कामगारों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उद्योग शुर करे।  अभी तक कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ है। अनलॉक करते हुए हम कैलकुलेटेड रिस्क ले रहे है। इसलिए ध्यान रखे। एकदम से कुछ भी छूट नहीं दी गई है। इसके लिए कुछ मापदंड और स्तरों को आधार बनाया गया है। छूट कितनी देनी है या सख्त करना है इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन ले. ‘सांप भी मरे और लाठी भी न टुंटे’ इस तरह से हमें काम करना होगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि अब लॉक और अनलॉक एकसाथ नहीं.

मुख्यमंत्री ने रविवार को राज्य के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बातचीत की। कोरोना काल में पूरी सावधानी रखते हुए महाराष्ट्र ने उद्योग चला कर दिखाया है। ऐसा उदाहरण मुझे देश के सामने रखना है। यह कहते हुए उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन और अनलॉक दोनों नहीं चाहिए।  यूके के संक्रमण की तरह या उससे अधिक खतरनाक तरीके से यहां संक्रमण बढ़ा है। इससे बचने के लिए लॉकडाउन लगाना पड़ा।  नहीं तो कोरोना ने हमें नोकडाउन कर दिया होता।
अब राज्य में लॉकडाउन और नोकडाउन दोनों नहीं। इसके लिए सार्वजानिक जगहों पर मास्क का इस्तेमाल, कामगारों का वेक्सीनेशन, परियों में काम करने, वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहन देने का काम करना होगा। इसके अलावा जिन लोगों को काम के लिए बाहर निकलना पड़ रहा है उनके लिए बायो बबल तैयार करे। आवश्यक कामगारों के काम की जगह पर ही रहने की व्यवस्था की जाए।
ऑक्सीजन लाने वाले उद्यमियों की मदद
राज्य में 1200 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्माण हो रहा है।  इसके लिए कई उधोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है।  उधोग क्षेत्र के सहयोग से इन सभी ऑक्सीजन का मरीजों के लिए इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा बाहर के राज्यों से 500 मैट्रिक टन ऑक्सीजन लाने के लिए मदद किये जाने का उल्लेख मुख्यमंत्री ने किया। उन्होंने अनुमान लगाया कि फ़िलहाल राज्य में तीन हज़ार मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरुरत पड़ सकती है।
बाहर के कामगारों का नाम दर्ज रखे
बाहर के राज्यों से आने वाले कामगारों का रजिस्ट्रेशन किया जाए।  साथ ही बाहर के राज्यों से आने के बाद 7 दिन आइसोलेशन में रखकर उचित जांच होने के बाद उन्हें काम पर रखे।
उधोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी – उद्योगमंत्री सुभाष  देसाई
इस मौके पर उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़े इसके लिए लघु व मध्यम उधोगों के लिए एमआईडीसी के जरिये सुविधाएं दी जाएगी। बड़े उधोग समूह अपने कामगारों के लिए उपहारगृह की सुविधा दे सकते है।  इसके लिए एमआईडीसी के जरिये 53 उपहारगृह चलाई जाएगी। इसके अलावा सार्वजनिक सुविधा केंद्र के लिए सरकार की तरफ से जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

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