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शरद पवार ने बताया, किनकी वजह से पहली बार बने थे विधायक; कांग्रेस नेताओं ने किया था विरोध

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महाराष्ट्र के वरिष्ठतम नेता शरद पवार ने 50 साल पुराना किस्सा साझा किया है, जब वह विधायक चुने गए थे। औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 50 साल पहले स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देने का विरोध किया था। लेकिन मैं इस बात को कभी भूलूंगा नहीं कि कैसे वसंतराव नाइक और यशवंतराव चव्हाण की वजह से पहली बार विधायक बना। शरद पवार ने कहा, ‘मैं 50 साल पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए खड़ा होना चाहता था। मैंने (कांग्रेस) पार्टी से टिकट मांगा था। उस समय जिले में कांग्रेस के नेता टिकट देने का विरोध कर रहे थे। मैं उस समय 26 साल का था।’

शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मेरा विरोध करते हुए कहा था कि आप कैसे 25-26 साल के बच्चों को टिकट दे सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब नेता शिकायत दर्ज कराने गए तो वसंतराव नाइक और यशवंतराव चव्हाण साहब आगे आए। दोनों ने उनसे एक सवाल किया। नाइक ने कहा कि 288 में से 190 सीटें आएंगी। इसका मतलब है कि हमें 98 सीटें नहीं मिलेंगी। ऐसे में यदि एकाध सीट और न मिले तो कोई दिक्कत नहीं है।’ पवार ने कहा, ‘वसंतराव नाइक बोले आपकी 98 सीटें गिरने वाली हैं। एक और गिरने से कोई फर्क नहीं पड़ता, शरद पवार को टिकट दें। फिर मैं निर्वाचित हुआ, इसके पीछे यशवंतराव चव्हाण और वसंतराव नाइक की ताकत थी। मैं इसे कभी भूल नहीं सकता।’

एनसीपी के मुखिया शरद पवार 26-27 साल की उम्र में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वह आने वाले कई दशकों तक विधायक रहे थे। पवार ने कहा, ‘कैबिनेट में पांच साल के बाद मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक ने मुझे राज्य मंत्री के रूप में चुना। उन्होंने मुझे गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी। कई लोगों ने वसंतराव नाइक को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा है, जो नई लीडरशिप को आगे बढ़ाने का काम करते थे।’ बता दें कि शरद पवार ही महा विकास अघाड़ी सरकार के शिल्पकार माने जाते हैं, जिसे हाल ही में महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। अब शिवसेना के बागी लीडर एकनाथ शिंदे सूबे के मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें भाजपा की ओर से समर्थन दिया गया है।

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