केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और भारतीय जनता पार्टी विधायक के विधायक नितेश राणे ने कथित हत्या के प्रयास मामले में बुधवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अभियोजक ने कहा, ”उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अब हम अदालत से पुलिस हिरासत की मांग कर रहे हैं।”
इसके पहले दिन में नितेश ने बंबई उच्च न्यायालय से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। उनके अधिवक्ता ने कहा कि वह आत्मसमर्पण करके जांच में सहयोग करना चाहते हैं। सिंधुदुर्ग के जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरबी रोटे ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि ‘याचिका समय पूर्व और सुनने योग्य नहीं’ है।
अदालत ने कहा था कि नितेश राणे से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि हत्या के प्रयास के मामले की जांच अधूरी है। यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है। भाजपा विधायक ने दावा किया कि उन्हें सत्तारूढ़ शिवसेना (जो महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन सरकार का नेतृत्व करती है) द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि पिछले महीने राज्य विधानमंडल परिसर के बाहर मजाक करने की घटना उसे तुच्छ लगी।
शिवसेना के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि 23 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नितेश राणे ने शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे का मजाक उड़ाने के लिए ‘म्याऊ म्याऊ’ किया था।