महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने वाइन को सुपरमार्केट में बेचने वाले फैसले का बचाव किया है। टोपे ने कहा कि वाइन पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन यह निर्णय किसानों के हित में लिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने वाइन को अब सुपरमार्के और वॉक-इन स्टोर में बेचने की अनुमति दे दी है। सरकार के इस फैसले का विपक्षी पार्टियों ने विरोध भी किया है।
मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में टोपे ने कहा कि भांग की तुलना शराब से नहीं की जा सकती है। दरअसल, बीजेपी सांसद प्रताप पाटिल चिखिलार ने कहा था कि वाइन को अनुमति देने के बाद राज्य सरकार को किसानों को भांग की खेती के लिए भी अनुमति देनी चाहिए।
टोपे ने कहा हालांकि, शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन (राज्य सरकार द्वारा लिया गया) निर्णय किसानों के हित में है। किसी को भी शराब लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता है। यह निर्णय किसानों के आर्थिक हित के लिए अच्छा है।’ बिना किसी का नाम लिए टोपे ने कहा कि कुछ लोग गांजे की बिक्री की इजाजत देने के पक्ष में हैं, लेकिन शराब की तुलना भांग से नहीं की जा सकती है।
एक दिन पहले टोपे के कैबिनेट सहयोगी और खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने भी शराब बिक्री नीति का समर्थन करते हुए कहा कि यह किसानों के हित में है और उन्होंने इस फैसले का विरोध करने के लिए भाजपा की खिंचाई की। टोपे ने मांग की कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अधिक धन आवंटित करे। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए मेडिकल कॉलेज और धन खोलने के लिए केंद्र की अनुमति भी मांगी।