ठाकरे सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह जल्द ही महाराष्ट्र में घरेलू टीकाकरण शुरू करेगी। घरेलू टीकाकरण की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा है कि प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत पुणे से की जाएगी। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि वह केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं होगी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने वरिष्ठ नागरिकों, अपाहिज और बीमार नागरिकों के टीकाकरण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से पूछा था कि क्या केंद्र की मंजूरी की जरूरत है क्योंकि घरेलू टीकाकरण पर राज्य सरकार का पांच सूत्री कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। क्या केरल, बिहार, झारखंड को मिली अनुमति? कोर्ट ने इस तरह के सवाल पूछकर अंतिम चरण में नाम वापस लेने में राज्य सरकार की भूमिका पर नाराजगी जताई थी। बुधवार को नए सिरे से भूमिका स्पष्ट करने का भी आदेश दिया। उसके बाद राज्य सरकार ने आज मुंबई हाईकोर्ट में कहा है कि वह केंद्र की अनुमति का इंतजार नहीं करेगी। राज्य सरकार ने कहा है कि वह केंद्र की अनुमति के बिना घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू करेगी।
इस बीच राज्य सरकार प्रायोगिक तौर पर ऐसा करेगी और पुणे जिले से इसकी शुरुआत करेगी। राज्य सरकार ने कहा है कि विदेश जाने वाले छात्रों के लिए हमने जो अनुभव किया था, उसका लाभ उठाकर अभियान को लागू किया जाएगा।
इसकी शुरुआत पुणे से ही क्यों ?
पुणे को चुनने का कारण बताते हुए राज्य सरकार ने कहा कि उसने छात्रों के पुराने अनुभव और जिले के आकार को ध्यान में रखा है। राज्य सरकार ने कहा है कि पुणे जिला न बड़ा है और न छोटा। इस बीच, अदालत से अपेक्षा की जाती है कि वह यह शर्त रखे कि आप डॉक्टर की गारंटी नहीं मांगें। कोर्ट ने सलाह दी कि किसी को भी आगे नहीं आना चाहिए।
कैसे पंजीकृत करें?
वैक्सीन चाहने वालों के परिवार ई-मेल के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। राज्य सरकार जल्द ही यह ई-मेल आईडी जारी करेगी। इस बीच, मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता घर-घर टीकाकरण अभियान चलाने के तरीके पर सुनवाई की। इस अवसर पर टास्क फोर्स प्रमुख डॉ. संजय ओक, याचिकाकर्ता उपस्थित थे।