बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर क्रूज पर से मादक पदार्थ जब्त होने के मामले मिली जमानत से संबंधित शर्तों में संशोधन करने की अपील की। बता दें कि आर्यन खान कुछ वक्त पहले तक क्रूज ड्रग्स केस को लेकर खूब चर्चा में बने हुए थे। आर्यन ने 22 दिन जेल में गुजारे थे, वहीं उसके बाद उन्हें सशर्त जमानत मिली थी। ऐसे में अब आर्यन की ओर से हाई कोर्ट में जमानत की शर्तों को संशोधन करने की अपील की गई है।
जमानत की शर्तों में संशोधन की मांग
बता दें कि आर्यन के आवेदन में इस शर्त से छूट देने की अपील की गई है कि उन्हें प्रत्येक शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में पेश होना होगा। इसके साथ ही आवेदन में कहा गया है कि चूंकि जांच अब दिल्ली एनसीबी के विशेष जांच दल को सौंप दी गई है, इसलिए मुंबई कार्यालय में उनके पेश होने की शर्त में ढील दी जा सकती है।
सम्मानित और प्रतिष्ठित जिंदगी जीना चाहते हैं आर्यन
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्यन खान के वकील ने अपील में बताया कि आर्यन 5 नवंबर, 12 नवंबर, 19 नवंबर, 26 नवंबर, 3 दिसंबर और 10 दिसंबर को एनसीबी के सामने पेश हुए थे। इसके साथ ही ड्रग्स केस के दूसरे आरोपी मनीष का जिक्र करते हुए आर्यन के वकील ने कहा कि उन्हें एनसीबी के सामने हर हफ्ते पेश नहीं होना होता है, ऐसे में आर्यन के साथ भी ऐसा भी होना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक आर्यन की याचिक में लिखा है कि वो एक स्टूडेंट हैं और एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी समाज में अच्छी छवि है, ऐसे में वो भी एक सम्मानित और प्रतिष्ठित जिंदगी जीना चाहते हैं।
पुलिसकर्मियों का लेना पड़ता है सहारा
आवेदन में यह भी कहा गया है कि एनसीबी कार्यालय के बाहर मीडिया कर्मियों की भीड़ लगी रहती है, जिसके कारण उन्हें हर बार पुलिसकर्मियों को साथ लेकर वहां जाना पड़ता है। आर्यन के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय में अगले सप्ताह इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर, 2021 को मुंबई से गोवा जाने वाले एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद आर्यन को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने हिरासत में ले लिया था और उन्हें 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के तहत रखा गया था और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत धारा 8 (सी), 20 (बी), 27, 28, 29 और 35 के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था। बाद में 28 अक्टूबर को उच्च न्ययाालय ने उन्हें जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने उनपर 14 शर्तें लगाई थीं। उन्हें हर शुक्रवार एनसीबी के समक्ष पेश होने के अलावा कई निर्देश दिए गए थे। इनमे एजेंसी को बताए बिना मुंबई से बाहर नहीं जाने और विशेष एनडीपीएस अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाने की शर्त भी शामिल है।