महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती नहीं की जाएगी। शुक्रवार को राज्य के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा कि अगर टैक्स में कमी की जाती है तो सरकार को हर मने 250 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने यह साफ कर दिया कि महाराष्ट्र में फ्यूल टैक्स में कटौती की संभावना नहीं है।
पवार ने यह बात राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कही। पवार ने कहा कि केवल बीजेपी शासित राज्य की सरकारों ने ही ईंधन की कीमतों को कम किया है वो तब जब उन्हें पार्टी हाई कमान से निर्देश मिले थे। उन्हें भी हर महीने 250 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हालांकि उन्होंने आगे कहा, ‘पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों ने राहत नहीं दी है। महाराष्ट्र को भी 250 करोड़ तक के नुकसान का सामना करना पड़ेगा अगर वह राज्य करों में कटौती करने का फैसला करता है जो एक वर्ष में लगभग 3,000 करोड़ आता है और राज्य की अर्थव्यवस्था राजस्व घाटे को सहन करने की स्थिति में नहीं है।’
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 5 और 10 रुपए प्रति लीटर कम करने के बाद भी राज्य सरकार ने लोगों को ईंधन की बढ़ती कीमतों से कोई राहत नहीं दी है। फडणवीस ने राज्य सरकार पर इम्पोर्टेड शराब पर उत्पाद शुल्क कम करने को लेकर निशाना साधा। दरअसल, उद्धव सरकार ने 8 नवंबर को इम्पोर्टेड शराब पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को आधा कर दिया था।