कोरोना ने बढ़ाई रेलवे की परेशानी, बोरिवली में ड्यूटी पर तैनात बुकिंग क्लर्क पॉजिटिव

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कोरोना के बढ़ते ग्राफ ने रेलवे की चिंता भी बढ़ा दी है। ट्रेन के परिचालन और रखरखाव से जुड़े लोगों का स्वास्थ्य रेलवे की चिंता का सबब है। मुंबई लोकल से इस समय करीब 60 लाख लोग यात्रा कर रहे हैं, जिनके लिए रेलवे ने करीब शत-प्रतिशत सेवाएं चला दी हैं। इन सेवाओं के लिए स्टाफ भी पूरा तैनात है, लेकिन कोरोना के केस बढ़ने पर इनमें से कुछ को आइसोलेट या क्वारंटीन होना पड़ा, तो ट्रेनों का ऑपरेशन गड़बड़ा सकता है।

 बोरिवली स्टेशन पर एक बुकिंग क्लर्क को थोड़ी सी परेशानी होने लगी। सूत्रों के अनुसार जब उसने स्टेशन पर मौजूद बीएमसी कर्मचारियों से ऐंटिजन टेस्ट कराया, तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचित किया गया, फिर संपर्क में आए सभी स्टाफ का टेस्ट कराया गया, जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आनी है। सवाल यह भी है कि यदि उसने यात्रियों को टिकट दिए होंगे, उनकी ट्रेसिंग कैसे होगी?

रेलवे को चाहिए डबल डोज

मध्य रेलवे में करीब एक लाख कर्मचारी हैं, इनमें फिलहाल 85% को टीके का डबल डोज लगा है। मुंबई डिविजन में 31,899 कर्मचारी हैं, जिनमें 77% को ही दोनों डोज लगे हैं। मध्य रेलवे का दावा है कि मुंबई डिविजन में 98% स्टाफ सिंगल वाले हैं। पश्चिम रेलवे के 89% स्टाफ डबल डोज ले चुके हैं। 99% मोटरमैन ने सिंगल डोज, जबकि 92% गार्ड ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है।

सिंगल टिकट के बाद बढ़े यात्री

बीएमसी द्वारा आंकड़े जारी किए, जिसमें बताया गया कि 83% मुंबईकरों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। करीब 74 लाख मुंबई में वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। ठाणे, वसई-विरार, उल्हासनगर, नवी मुंबई और मीरा-भाईंदर मनपा के आंकड़े जोड़ें, तो महानगर में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। इसका सीधा असर मुंबई की लोकल ट्रेनों पर दिखाई दे रहा है। मुंबई लोकल ट्रेनों में करीब 65 लाख यात्री लौट चुके हैं।

मुंबई में अब तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है, ऐसे में राज्य सरकार की ओर से यदि नए प्रतिबंध नहीं लगे, तो यात्रियों की संख्या और बढ़ सकती है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही नई गाइडलाइन जारी कर सकती हैं। सबसे पहले यात्रियों को सिंगल टिकट देना बंद किया जा सकता है। सरकारी और निजी कार्यालयों में पचास प्रतिशत स्टाफ की उपस्थिति सीमित की जा सकती है। इसके अलावा वीकेंड में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाया जा सकता है। रेलवे की ओर से भी स्टाफ के स्वास्थ्य को मॉनिटर किया जा रहा है।

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