प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर काशी विश्वनाथ धाम में तैनात कर्मचारियों-सेवादारों और पुलिस के जवानों का दिल जीत लिया है। भीषण ठंड में संगमरमर पर नंगे पांव ड्यूटी करने वालों की पीएम मोदी ने चिंता की है। पीएम मोदी ने यहां के सेवादारों और सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के लिए जूट से बने जूते भेजे हैं। 100 जोड़ी जूतों का रविवार को अधिकारियों ने मंदिर परिसर में पहुंचकर वितरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपनी काशी और यहां के लोगों की सुख सुविधाओं को लेकर बातचीत करते रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने खुद लोगों को फोन कर बातचीत की और तकलीफों को दूर करने का लगातार प्रयास किया। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के दौरान भी यहां की एक-एक गतिविधियों की जानकारी लेते रहे।
धाम के लोकार्पण के बाद सबसे पहले इसे बनाने वाले मजदूरों का पीएम मोदी ने सम्मान किया और अपने हाथों से उन पर फूलों की वर्षा की। यही नहीं, मजदूरों के साथ ही दोपहर का भोजन भी किया था। इससे मजदूर ही नहीं उनके परिवार वाले भी गदगद थे। अब एक बार फिर पीएम मोदी ने यहां के सेवादारों की सुध ली है।
मंदिर परिसर में संगमरमर पर नंगे पांव खड़े होकर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों, सेवादारों और सुरक्षा में तैनात जवानों की परेशानी को पीएम ने संज्ञान लिया है। उनके लिए जूट से बने जूते मंदिर प्रशासन को भेजे हैं। इन जूतों को रविवार को मंदिर में बंटवाया गया।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने अपने हाथों से लगभग 100 जोड़ी जूट के जूतों को बांटा। दोनों अधिकारियों ने बताया कि लकड़ी के खडाऊ को पहनकर ड्यूटी करना सभी के बस की बात नहीं है। इसी परेशानी को देखते हुए पीएम ने जूट के जूते कर्मचारियों के लिए भिजवाया है।
मंडलायुक्त ने बताया कि मंदिर परिसर में लेदर या रबर से निर्मित जूता चप्पल प्रतिबंधित है। ऐसे में भीषण ठंड में 8 घंटे ड्यूटी करने में सुरक्षाकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पीएम मोदी के निर्देश पर पीएमओ भेजा गया जूट का जूता पुलिस औऱ सीआरपीएफ जवानों के अलावा पुजारियों, सेवादारों, सफाईकर्मियों को दिया गया है।