विराट कोहली ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट को नए साल का सबसे बड़ा झटका दिया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी। उन्होंने अपनी कमान में टीम इंडिया को ‘विराट मुकाम’ तक पहुंचाते हुए क्रिकेट की मजबूत ताकत के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना काम ईमानदारी से किया और अब कप्तानी छोड़ने का समय आ गया है।
कोहली को 2014 में भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था जब महेंद्र सिंह धौनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच में कप्तानी छोड़ दी थी। कोहली ने टी-20 विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद कप्तानी छोड़ दी थी जबकि वनडे कप्तानी उनसे छीन ली गई थी। अब उन्होंने खेल के इस सबसे बड़े प्रारूप की अगुआई से भी अलग होने का ऐलान कर दिया। दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रोहित शर्मा टेस्ट टीम के उपकप्तान थे और उनका कप्तान बनना तय है। अब श्रीलंका के खिलाफ सीरीज बतौर कप्तान उनकी पहली जिम्मेदारी होगी। कार्यभार प्रबंधन के तहत रोहित जब भी ब्रेक लेंगे तो केएल राहुल को कमान सौंपी जा सकती है।
ऐसे बने थे बेताज बादशाह
महज चार महीने पहले वह भारतीय क्रिकेट के बेताज बादशाह थे। तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के कप्तान ‘किंग कोहली’ लेकिन टी-20 टीम की कप्तानी उन्होंने खुद छोड़ी, वनडे की कप्तानी से हटाया गया। अंत में हालात ऐसे हो गए कि टेस्ट कप्तानी छोड़ने के अलावा विराट कोहली के पास कोई चारा नहीं बचा था। ऐसे में अगर कहा जाए कि एक सफलतम कप्तान ‘रिटायर्ड हर्ट’ हुआ, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इसका ठीकरा दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज में मिली हार पर फोड़ना गलत होगा।
ट्वीट से हुआ था विवाद : असल में इसका आगाज 16 सितंबर के उस ट्वीट से हो गया था जब कोहली ने टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था। वजह बताई टेस्ट और 2023 विश्व कप को जेहन में रखकर वनडे क्रिकेट पर फोकस करना। उस ट्वीट को कल चार महीने पूरे हो जाएंगे और अब कोहली का नाम पूर्व कप्तानों की सूची में होगा। इस दौर के महानतम बल्लेबाज के चार महीने में ‘अर्श से फर्श’ के इस सफर की किसी ने कल्पना नहीं की होगी।
बीसीसीआई सूत्रों की मानें तो कोहली ने यह फैसला लेने से पहले बोर्ड के आला अधिकारियों से कोई मशविरा नहीं किया। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवानगी से पहले तूफानी प्रेस कांफ्रेंस के बाद इसकी उम्मीद भी कम ही थी। यह उनका और सिर्फ उनका फैसला था। उन्होंने औपचारिक बयान जारी करने से पहले बीसीसीआई से इतना ही कहा कि वह थक चुके हैं।
राहुल द्रविड़ अब भविष्य का खाका तैयार कर रहे हैं। बोर्ड सचिव जय शाह ने कोहली का फैसला आते ही जिस तरह प्रतिक्रिया देने में तेजी दिखाई, उससे लगता है कि मानो यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सीरीज में मिली हार और बल्ले से रन नहीं निकलने से कोहली हाशिये पर चले गए थे और उनका विश्वासपात्र सहयोगी स्टाफ भी बदल गया था।