महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक नितेश राणे को सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा। अदालत ने हत्या के प्रयास के मामले में राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, इसी मामले में एक अन्य आरोपी मनीष दलवी की अग्रिम जमानत को हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी। इससे पहले दिसंबर में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की सत्र अदालत ने राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
नितेश राणे सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से विधायक हैं और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं। नितेश ने संतोष परब (44) नामक एक व्यक्ति पर कथित हमले के मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। नितेश ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
‘चुनावों में भाग लेने से रोकने की साजिश’
विधायक ने अपनी याचिका में दावा किया कि 30 दिसंबर को हुए सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक चुनावों में भाग लेने से रोकने के एकमात्र उद्देश्य से ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। वहीं, विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि पुलिस ने यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि हमले के पीछे नितेश राणे थे।
शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हमले से जुड़ा
नीतेश राणे और अन्य के खिलाफ पिछले दिसंबर में कंकावली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मामला बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से जुड़ा है। शिवसेना को झटका देते हुए नारायण राणे के नेतृत्व वाले पैनल ने सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक चुनाव जीता है।