पूर्व मीडिया कार्यकारी इंद्राणी मुखर्जी ने सोमवार को मुंबई की एक अदालत में हाथ से लिखा गया एक अर्जी दायर किया जिसमें दावा किया गया है कि उनकी बेटी शीना बोरा जिंदा है। मुखर्जी ने अपने वकील सना रईस खान के माध्यम से कोर्ट के सामने पेश किए गए आठ पन्नों की अर्जी में अदालत से सीबीआई और अभियोजन पक्ष को उसके दावों के जवाब में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने की मांग की।
अर्जी में इंद्राणी मुखर्जी ने यह जानना चाहा है कि क्या शीना बोरा के जीवित होने के उनके दावों का पता लगाने के लिए सीबीआई ने क्या कोई कदम उठाया है। इंद्राणी मुखर्जी ने आवेदन में बताया है कि नवंबर 2021 में भायखला महिला जेल में उनसे एक महिला थी जिसने अपना परिचर पूर्व पुलिस निरीक्षक आशा कोर्के के रूप में दिया था। कोरके को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
अर्जी में कहा गया है कि कोर्के ने कथित तौर पर मुखर्जी को बताया कि जून 2021 में वह श्रीनगर में थी जहां उसकी मुलाकात शीना बोरा जैसी दिखने वाली एक महिला से हुई थी। जब कोर्के ने महिला से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह शीना बोरा है, तो महिला ने सकारात्मक जवाब दिया था।
अर्जी में आगे बताया गया है कि उस महिला ने कोर्के से पूछा था कि तुम उसे कैसे जानती हो और तुम कौन हो? कोर्के ने जवाब देते हुए बताया कि वो महाराष्ट्र सरकार में एक पुलिस इंस्पेक्टर थी। जिसके बाद शीना ने कहा कि क्या वह उसका पीछा करने तो नहीं आई है।
अर्जी में बताया गया है कि इसके बाद कोर्के ने शीना को आगे आने और सच्चाई को उजागर करने के लिए तर्क देने की कोशिश की ताकि उसके माता-पिता को मुक्त किया जा सके। आवेदन में दावा किया गया कि शीना ने यह कहते हुए मना कर दिया कि उसने एक नया जीवन शुरू किया है और वह अपने पुराने जीवन में वापस नहीं आना चाहती। बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी को साल 2015 में शीना बोरा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में ही बंद है।