देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का तेजी से प्रसार हो रहा है। जिस हिसाब से केस सामने आ रहे हैं उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट सामुदायिक संक्रमण स्तर पर पहुंच गया है। यह कयास काफी हद तक सही भी दिख रहा है। आर्थिक राजधानी मुंबई में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 280 नमूनों में से 248 में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
सैंपल को लेकर बीएमसी ने कहा कि यह नमूनों का आठवां बैच था। जिसमें शहर से 280 और बाहर के 93 सैंपल शामिल थे। इन सभी सैंपल को ओमिक्रॉन टेस्ट के लिए भेजा गया था। 280 में से 21 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिला है जबकि 11 में कोई अन्य वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
बीएमसी की ओर मिली जानकारी के मुताबिक 80 नमूनों में से 96 या 34 प्रतिशत 21-40 आयु वर्ग के मरीजों के थे, 79 या 28 प्रतिशत 41-60 आयु वर्ग के थे, 69 सैंपल 61-80 आयु वर्ग के थे। इनमें से 13 सैंपल 0-18 साल के मरीजों के थे जिनमें दो पांच साल से भी कम उम्र के थे। चार 6-12 आयु वर्ग में थे, और सात 13-18 आयु वर्ग में थे।
बीएमसी ने कहा कि कुल 280 रोगियों में से 174 को पूरी तरह से टीका लगाया गया था। इनमें से सात ने टीके की पहली डोज ली थी और 99 को टीका नहीं लगाया था। सिंगल डोज वाले ने सात मरीजों में से छह को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसमें दो को आईसीयू में भर्ती होना पड़ा था। टीके की दोनों डोज ले चुके 174 मरीजों में से 89 को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
बीएमसी ने कहा कि बिना टीकाकरण वाले 99 में से 76 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। इनमें से 12 को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी और पांच आईसीयू में थे।