यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को दूसरी सूची जारी कर दी। लिस्ट में 39 उम्मीदवारों के नाम हैं। सपा की नई लिस्ट में प्रमुख नामों में रेप केस में दोषी गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति का नाम है। महाराजी प्रजापति को अमेठी से टिकट दिया गया है।
पूर्व सपा मंत्री पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह को गोंडा से टिकट मिला है। आंदोलन कर चर्चा में आए राकेश सिंह को गौरीगंज, अयोध्या से रामजन्म भूमि जमीन विवाद का मामला उठाने वाले पवन पाण्डेय, परशुरामजी मंदिर वाले संतोष पाण्डेय को लम्भुआ, कुण्डा से रघुराज सिंह के पूर्व साथी गुलशन यादव को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले सपा ने सोमवार को 159 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी। इसमें अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं के नाम थे।
सपा की सूची में गैरयादव व सवर्णों को तरजीह
मंगलवार को घोषित सूची में दस सवर्णोँ को टिकट दिया गया है। दो यादव के अलावा 8 गैरयादव ओबीसी हैं। सपा अब एमवाई फैक्टर के बजाए ऐसा जातीय समीकरण बना रही है जिसमें सवर्ण से लेकर दलित तक सब शामिल हैं। रणनीतिक तौर पर मुस्लिमों को ज्यादा टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। इस सूची में एक ही मुस्लिम है। अब तक सपा 196 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। जातीय समीकरण देखें तो कुर्मी- 5, दलित- 13, ठाकुर- 3, कुम्हार- 1, ब्राह़मण- 5, शाक्य- 1, बिंद -1, यादव 2, भूमिहार 1, मुस्लिम 1, अन्य- 6, महिलाएं 8 हैं।
सपा ने अयोध्या से पवन पांडेय को उतारा है। वह 2012 के चुनाव में अयोध्या सीट से जीते थे और अखिलेश सरकार में मंत्री बने थे। पिछला चुनाव हार गए थे। अयोध्या में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने में वह काफी आगे रहे हैं। गौरीगंज में विकास के काम न होने पर लखनऊ में धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन करने वाले विधायक राकेश प्रताप सिंह का नाम भी सूची में है
सपा ने अपने दो बार से जीत रहे विधायक यासिर शाह को इस बार मटेरा की बजाए बहराइच से उतारा है। पाला बदल करने वाली भाजपा विधायक माधुरी वर्मा भी अपनी ही सीट से सपा प्रत्याशी हो गईं। बसपा से आए इंद्रजीत सरोज मंझनपुर से लड़ेंगे। परशुराम की मूर्ति व मंदिर बनवाने वाले संतोष पांडेय को भी टिकट मिला है। पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी के बेटे मनोज राजवंशी भी टिकट पा गए । गोंडा में स्व. पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह को टिकट मिला है।
समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर चल रही रस्साकशी थमने का नाम नहीं ले रही। सोमवार शाम आलाकमान ने उरई से पूर्व विधायक दयाशंकर वर्मा व कालपी से पूर्व मंत्री श्रीराम पाल को प्रत्याशी बनाया था मगर मंगलवार शाम को इन दोनों के टिकट काटकर उरई से 2017 में सपा से रनर महेंद्र कठेरिया और कालपी सीट पर पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी के नाम की घोषणा कर दी गई। सपा जिलाध्यक्ष नवाब सिंह यादव ने बताया कि जो भी फैसला आलाकमान ने किया है वह सोच समझकर किया होगा।
तीन महीना पहले सपा से जुड़े विनोद चतुर्वेदी
युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले विनोद चतुर्वेदी दो बार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हैं। 1996 और 2002 में उरई क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भी रहे। दोनों चुनाव में मामूली अंतर से हारे। 2007 में कांग्रेस जीत का सेहरा बंधा। 2012 और 2017 में विनोद ने माधौगढ़ सीट से किस्मत आजमाई पर जीत हासिल नहीं हो सकी। तीन महीना पहले विनोद चतुर्वेदी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।