टीम इंडिया में पिछले कुछ महीने से सबकुछ ठीक-ठाक नजर नहीं आ रहा है। टी20 वर्ल्ड कप 2021 से ठीक पहले विराट कोहली ने घोषणा की कि टी20 कप्तान के तौर पर यह उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा और इसके बाद वह वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी संभालते रहेंगे। यहां तक सबकुछ ठीक था, लेकिन इसके बाद कप्तानी को लेकर जिस तरह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और विराट कोहली में ठनी, उसे देखकर हर कोई दंग रह गया। भारत को पहला वर्ल्ड कप अपनी कप्तानी में जिताने वाले कपिल देव ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और विराट से इस मामले को फोन कॉल पर सुलझाने को कहा है और साथ ही कहा कि दोनों को सबसे पहले देश को रखना चाहिए।
द वीक मैगजीन के मुताबिक कपिल देव ने कहा, ‘इन दोनों (विराट और बीसीसीआई) को यह मामला आपस में सुलझा लेना चाहिए था। फोन उठाओ और कॉल करो और देश को खुद से आगे रखो। मुझे जो चाहिए था, मुझे मिला, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है। इसका मतलब यह नहीं कि आप कप्तानी छोड़ देंगे। अगर उन्होंने कप्तानी इस वजह से छोड़ी की भारत कोई आईसीसी टूर्नामेंट उनकी कप्तानी में नहीं जीत पाया, तो मुझे समझ नहीं आता कि मैं क्या कहूं। मैं उन्हें और खेलते हुए, रन बनाते हुए देखना चाहता हूं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में।’
दरअसल विराट ने टी20 टीम की कप्तानी खुद छोड़ी, इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले रोहित शर्मा को वनडे टीम की कमान भी सौंप दी गई। जिसको लेकर बीसीसीआई की तरफ से बयान आया कि विराट को टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने से मना किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और सिलेक्टर्स लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में दो अलग कप्तान के फेवर में नहीं थे, इसलिए रोहित को वनडे टीम की कमान सौंपी गई। इसके अलावा यह भी कहा गया कि विराट को इस बारे में बता दिया गया था। इसके बाद विवाद तब शुरू हुआ जब विराट ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले कहा कि उनसे किसी ने नहीं कहा था कि वह टी20 टीम की कप्तानी ना छोड़ें।
इसके अलावा वनडे कप्तानी को लेकर भी घोषणा से कुछ देर पहले ही उन्हें जानकारी दी गई थी। यहां से ही बीसीसीआई और विराट के बीच मनमुटाव की तस्वीर साफ होने लगी। दक्षिण अफ्रीका के लिए वनडे टीम की घोषणा के बाद सिलेक्टर्स ने बीसीसीआई की हां में हां मिलाते हुए फिर से वही सब बातें कही। टेस्ट सीरीज खत्म होते ही विराट ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी।