भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को यहां एक बाग का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने का विरोध करते हुए दावा किया कि 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक ने हिंदुओं का उत्पीड़न किया और किसी सार्वजनिक स्थान के लिए उनका नाम अस्वीकार्य है। इस बाग का हाल में जीर्णोद्धार किया गया है। महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने मालवानी क्षेत्र के बाग में नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया और कहा कि इस बाग का नाम हमेशा टीपू सुल्तान के नाम पर ही था और कोई नया नाम नहीं रखा गया है।
मुंबई शहर के प्रभारी मंत्री और कांग्रेस नेता शेख के इस कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने नाम बदलने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने कार्यक्रम से पहले कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से कहा, “टीपू सुल्तान अपने राज्य में हिंदुओं के उत्पीड़न के लिए ऐतिहासिक रूप से जाने जाते हैं। भाजपा कभी भी ऐसे लोगों का सम्मान स्वीकार नहीं करेगी। टीपू सुल्तान के नाम पर बाग का नाम रखे जाने का फैसला रद्द कर दिया जाना चाहिए।”
शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे मुंबई उपनगरीय जिले के प्रभारी मंत्री हैं और मालवानी इसी क्षेत्र में स्थित है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, ”किसी बाग का नामकरण बीएमसी का विशेषाधिकार है। मेरी जानकारी के अनुसार मालवानी उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”
उल्लेखनीय है कि मुंबई नगर निकाय पर शिव सेना का नियंत्रण है। मंत्री असलम शेख ने कार्यक्रम में कहा, “पिछले 15 वर्ष से बाग का यही नाम (टीपू सुल्तान के नाम पर) है, लेकिन अब तक किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं की। मैं एक भाजपा विधायक को भी जानता हूं जो इलाके में एक सड़क की मरम्मत पर जोर दे रहे हैं जिसका नाम टीपू के नाम है। वह इस पर चुप रहते हैं क्योंकि उन्हें वोट चाहिए।” उन्होंने कहा, “मौजूदा बाग के नवीनीकरण के तहत टेनिस और बैडमिंटन के मैदान बनाए गए हैं और वे सभी धर्म या जाति के लिए खुले हैं।”
आदित्य ठाकरे की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, शेख ने कहा कि वह वहां नयी सुविधाओं का उद्घाटन करने आए थे, न कि बगीचे के नामकरण के लिए।