धर्म निजी मामला है, इसमें किसी को दखल देने का अधिकार नहीं; अरविंद केजरीवाल ने धर्मांतरण मुद्दे पर खुलकर रखी राय

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने धर्मांतरण के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हुए कहा कि प्रलोभन या धमकी देकर किया गया धर्म परिवर्तन गलत है और देश में मौजूदा कानून के तहत इस तरह की प्रथाओं को रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी का धर्म चुनना निजी मामला है और किसी भी सरकार को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है।

केजरीवाल रविवार को पंजाब में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। केजरीवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है कि कोई किस धर्म का पालन करना चाहता है और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है जिसमें किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। किसी भी सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है और यह किसी का संवैधानिक अधिकार है।

धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर अपनी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर ‘आप’ प्रमुख ने कहा कि अगर किसी का धर्म परिवर्तन प्रलोभन या धमकी से किया गया है, तो यह गलत है। भाजपा इस मुद्दे को लेकर ‘आप’ पर निशाना साधती रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्व में एक विधेयक पारित किया था, जिसका उद्देश्य विवाह समेत धोखाधड़ी या किसी अन्य अनुचित तरीके से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकना था।

केजरीवाल ने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना गलत है और इसे रोकने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मेरी राय है और मुझे कुछ वकीलों द्वारा बताया गया है, लेकिन इसकी और जांच की जानी चाहिए कि क्या देश के मौजूदा कानून के तहत पर्याप्त धाराएं और प्रावधान हैं कि अगर कोई किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है तो उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है।

उन्होंने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि आज भी देश में (जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए) पर्याप्त प्रावधान हैं। जो लोग नए कानून की बात करते हैं, वे क्या कर रहे हैं, यह एक राजनीतिक मुद्दा है।

केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार के हर कार्यालय में अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें होंगी। आज हम घोषणा करते हैं कि पंजाब में (आप) सरकार बनने के बाद किसी भी सरकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री या किसी अन्य राजनीतिक नेता की कोई तस्वीर नहीं होगी। केवल बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीरें सभी सरकारी कार्यालयों में लगाई जाएंगी, ताकि इन तस्वीरों को देखकर हम और आने वाली पीढ़ी इनसे प्रेरणा ले सकें। 

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