खतरनाक कोरोना वायरस के खिलाफ अभी देश में लड़ाई जारी है। इस बीच महाराष्ट्र में पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो महज चंद पैसों के लिए फर्जी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने का रैकेट चला रहा था। मुंबई पुलिस ने जब इस गिरोह के एक सदस्य को पकड़ा तो कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ।
गिरफ्त में आया दाऊद
मुंबई में शिवाजी नगर पुलिस ने सोमवार को दाऊद उर्फ शफीक रफीक शेख को गिरफ्तार किया। दाउद को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया। दाउद के साथ-साथ पुलिस ने इस रैकेट को चलाने वाले गौरव परवार, अर्थव पंचाल और राजेश बोडा को भी अरेस्ट किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अभी दो अन्य लोग वांटेड हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब सबसे पहले दाऊद को पकड़ा गया था और उसके पास से 28 फर्जी कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जब्त किया गया था।
चंद पैसों में बेचते थे फर्जी सर्टिफिकेट
पुलिस का कहना है सभी आरोपी मिलकर यह फर्जी सर्टिफिकेट बनाते थे और लोगों को 700 रुपये में एक सर्टिफिकेट बेचा करते थे। दाउद ने गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों के नाम बताए और यह आरोपी बेंगनवाडी वैक्सीनेशन कैंप से जुड़े हुए थे। सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
आपको याद दिला दें कि पिछले साल दिसंबर के महीने में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट ने भी एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है था जो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर देते थे। उस वक्त इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनका नाम जुबेर शेख और अल्फैज खान बताया गया था। ये दोनों ही आरोपी मुंबई के वडाला इलाके के रहने वाले बताए गए थे। ये उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से यहां रहने आए थे।