रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन संकट का समाधान सरल नहीं है, लेकिन पुष्टि की कि क्रेमलिन और बातचीत के लिए तैयार है क्योंकि यूक्रेन पर तनाव बढ़ रहा है. यह टिप्पणी हंगरी के प्रधानमंत्री ओरबान से मुलाकात के बाद आई है.रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ जारी तनाव के महीने से अधिक समय के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में कहा कि पश्चिम ने मॉस्को की सुरक्षा चिंताओं को “अनदेखा” किया है. अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने चिंता जताई है कि यूक्रेन के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा यही संकेत दे रहा है कि रूस अपने पूर्व सोवियत पड़ोसी पर चढ़ाई की तैयारी में है. पिछले हफ्ते अमेरिका और नाटो ने कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी के क्रेमलिन के आह्वान का जवाब दिया था. हालांकि, पुतिन का मानना है कि रूस के अनुरोध को कोई सुन नहीं रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम अमेरिका और नाटो से प्राप्त लिखित प्रतिक्रियाओं का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं” पुतिन को समाधान की उम्मीद उन्होंने कहा, “लेकिन यह पहले से ही स्पष्ट है कि मौलिक रूसी चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया था” पुतिन ने आगे कहा, “मुझे उम्मीद है कि अंत में हम एक समाधान पाएंगे, हालांकि यह आसान नहीं होगा,” पुतिन ने संकेत दिया कि वह पश्चिम के साथ और अधिक बातचीत के लिए तैयार हैं, जिसने रूस पर यूक्रेन के साथ अपनी सीमा पर 1,00,000 से अधिक सैनिकों के जमावड़े का आरोप लगाया है. रूस हमला करने की योजना से इनकार कर रहा है. वह नाटो और अमेरिका की गतिविधियों को मौजूदा तनाव का कारण बताता है. पुतिन ने आगे कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा के बारे में इतना चिंतित नहीं है
इसका मुख्य कार्य रूस के विकास को रोकना है. इसमें समझ में आता है कि यूक्रेन अपने आप में इस लक्ष्य तक पहुंचने का एक साधन मात्र है” पुतिन ने साथ ही कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों “निकट भविष्य में” बातचीत के लिए मास्को आ सकते हैं. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार पुतिन के बयान से संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण की संभावना नहीं है और रूस कूटनीति को एक और मौका देना चाहता है. हालांकि, दोनों पक्षों ने अपनी स्थिति बनाए रखी है और अमेरिका से किसी भी रियायत की संभावना कम ही लगती है. पुतिन ने दावा किया कि “यूक्रेन के लिए नाटो में शामिल होने के लिए एक और संभावित विकल्प होगा, वहां खतरनाक हथियार स्थापित करना और यूक्रेनी राष्ट्रवादियों के लिए विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी हिस्से या क्रीमिया को वापस लेने के लिए बल का उपयोग करना. यह हमें एक सैन्य संघर्ष में धकेल देगा” पुतिन ने कहा, “कल्पना कीजिए कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन रहा है और एक सैन्य अभियान शुरू कर रहा है, तो क्या हमें नाटो से लड़ना चाहिए? क्या किसी ने इस बारे में सोचा है?” बातचीत संभव रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि एक समझौते पर बातचीत करना अभी भी संभव है जो सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखेगा. उन्होंने कहा, “हमें यूक्रेन, यूरोपीय देशों और रूस सहित सभी पक्षों के हितों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक रास्ता खोजने की जरूरत है” पुतिन ने यह टिप्पणी हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के साथ बातचीत के बाद की हैं. इस बीच मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेइ लावरोव से टेलीफोन पर बात की. विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि “ब्लिंकेन ने लावरोव से कहा कि अगर रूस का यूक्रेन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है तो मॉस्को को सीमा से अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए