यूरोपीय खुफिया अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस मनोबल तोड़ने के प्रयास में कब्जा किए गए यूक्रेनी शहरों में सार्वजनिक फांसी की योजना बना रहा है। विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई, राजनीतिक विरोधियों की कैद और सार्वजनिक फांसी सभी को आक्रमण की रणनीति का हिस्सा कहा जाता है। ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि एक गुमनाम अधिकारी ने रूस की खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस की रिपोर्ट के दस्तावेजों को देखने का दावा किया है।
ब्लूमबर्ग के राजनीतिक संपादक किट्टी डोनाल्डसन ने कहा, “रूसी एजेंसी हिंसक भीड़ नियंत्रण के लिए आयोजकों को हिरासत में लेने की भी योजना बना रही है, ताकि यूक्रेनी मनोबल को तोड़ा जा सके।”
आपको बता दें कि यूक्रेन पर रूस लगातार आठ दिनों से हमला कर रहा है। दुनिय के अधिकांश देशों ने इसकी निंदा की है। राष्ट्रपति पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से कहा कि वह इस क्षेत्र पर अपनी सैन्य विजय को पूरी तरह से महसूस करना चाहते हैं। रूस कीव से जेलेंस्की की सरकार को हटाने के लिए बेताब है। उसने कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। रूसी सैनिक दक्षिण-पूर्वी शहर मारियुपोल पर मार्च कर रहे हैं, हालांकि यूक्रेन का अभी भी शहर पर नियंत्रण है।
रूसी सेना ने खेरसॉन पर नियंत्रण का दावा किया है। स्थानीय यूक्रेनी अधिकारियों ने पुष्टि की कि रूसी सेना ने 280,000 लोगों वाले एक बंदरगाह के स्थानीय सरकारी मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। इसे यूक्रेन का प्रमुख शहर माना जाता है।
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बार फिर पुतिन से एक समझौते पर पहुंचने के लिए उनसे मिलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पुतिन से बात करनी है, दुनिया को पुतिन से बात करनी है, क्योंकि इस युद्ध को रोकने के लिए और कोई रास्ता नहीं है।’
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दस लाख से अधिक शरणार्थी पड़ोसी देशों में भाग रहे हैं। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे खराब मानवीय संकट माना गया है। यूक्रेनी मीडिया के अनुसार, रूसी सैनिकों ने दक्षिणी शहर एनरहोदर में भी प्रवेश किया है, जो नीपर नदी पर एक प्रमुख ऊर्जा केंद्र है। देश की बिजली उत्पादन का लगभग एक-चौथाई हिस्सा यहीं होता है।