यूक्रेन पर रूसी अटैक के बीच दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है। माना जा रहा है कि अगर रूस ने किसी नाटो सदस्य देश पर हमला किया तो अमेरिका खुलतौर पर रूस के खिलाफ जंग में उतर जाएगा। और अगर ऐसा हुआ तो वर्ल्ड वॉर तय है क्योंकि अमेरिका और रूस दुनिया की दो महाशक्ति हैं।
रूस द्वारा पूर्वी यूरोप में निरंतर अस्थिरता के बीच पेंटागन ने नाटो के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। अमेरिका का कहना है कि अमेरिकी सेनाएं यूक्रेन में रूस के खिलाफ नहीं लड़ेंगी, लेकिन वह अपने सहयोगियों यानी नाटो सदस्य देशों के लिए प्रतिबद्ध है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका अपने नाटो सहयोगियों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। रविवार को एबीसी न्यूज पर किर्बी ने कहा, “किसी एक (नाटो देश) के खिलाफ सशस्त्र हमला सभी के खिलाफ सशस्त्र हमला माना जाएगा।”
उन्हlने कहा, “हमने रूस को यह स्पष्ट कर दिया है कि नाटो क्षेत्र की रक्षा हमारे मित्र करेंगे, न कि केवल अमेरिका।” रूसी सैनिकों ने रविवार को पोलिश सीमा के पास पश्चिमी यूक्रेन में एक सैन्य चौकी पर हमला किया था। इसके बाद अमेरिका की ये टिप्पणी आई है। पोलैंड के करीब उस हमले में कम से कम 35 लोग मारे गए और यवोरिव में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा केंद्र (IPSC) को नष्ट कर दिया गया है।
यवोरिव पोलैंड की सीमा से लगभग 15 मील की दूरी पर है। बता दें कि पोलैंड 1999 से नाटो का सदस्य है। पिछले मंगलवार को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पोलैंड को दो पैट्रियट मिसाइल रक्षा बैटरी वितरित की थी।
उसी दिन, अमेरिकी रक्षा विभाग ने जर्मनी में एक अमेरिकी एयरबेस पर लड़ाकू जेट भेजने के पोलिश प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जहां उन्हें रूसी सैनिकों से लड़ने के लिए यूक्रेन ले जाया जा सकता था। मंगलवार को किर्बी ने ट्वीट किया कि यह पोलिश अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे यूक्रेन में अपने विमान भेजें या नहीं।
फरवरी के अंत में, पोलिश प्रधानमंत्री माटुस्ज़ मोराविकी ने एक समान चेतावनी जारी करते हुए कहा: “लातविया, लिथुआनिया, एस्टोनिया और साथ ही पोलैंड, कल अगला शिकार हो सकते हैं … यूक्रेन पर पुतिन का युद्ध भी पश्चिम की आत्मा की लड़ाई है।”